हवाई यात्रा के दौरान थोड़ी सी लापरवाही या किसी पर भरोसा करना कितना खतरनाक साबित हो सकता है, ये मुंबई के एक दंपति के मामले में देखने को मिला. कतर में 2019 में ड्रग्स रखने के आरोप में 10 साल जेल की सजा मिलने के बाद जिंदगी खत्म मान चुके ओनिबा और शारिक कुरैशी को आखिरकार इंसाफ मिल गया. मुंबई के दंपति ओनिबा और शारिक गुरुवार को अपनी छोटी बेटी के साथ वापस वतन लौट आए.
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि दंपति रात 2.30 बजे हवाईअड्डा पहुंचा. दरअसल, 2019 में जब ये पति-पत्नी शादी के बाद हनीमून पर कतर जा रहे थे तो उनके बैग में उनके किसी रिश्तेदार ने बिना उपहार बताकर मादक पदार्थ रख दिया था और उनकी मुश्किलें खड़ी हो गईं. हालांकि भारतीय अधिकारियों की पैरवी के बाद आखिरकार उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया गया. दंपति को जुलाई 2019 में कतर के अधिकारियों ने हमद अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा पर 4.1 किलोग्राम हशीश के साथ गिरफ्तार किया था.
लेकिन बाद में यह पता चला कि शारिक की चाची तबस्सुम कुरैशी ने मादक पदार्थ की तस्करी के लिए उनका इस्तेमाल किया. तबस्सुम ने ही उनकी यात्रा का बंदोबस्त किया था.घटना के वक्त शारिक जापान की एक कंपनी में कार्यरत थे और ओनिबा को उनके गर्भवती होने का पता चला था. ओनिबा ने पिछले साल फरवरी में जेल में बेटी आयत को जन्म दिया था. दंपति के परिजनों ने भारत सरकार से संपर्क कर मामले में दखल देने की मांग की थी.
इसके बाद एनसीबी ने कतर में अधिकारियों से संपर्क किया. दंपति ने निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी। अंत में दंपति को सभी आरोपों से बरी कर दिया गया.
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