नेशनल इनवेस्टिगेटिव एजेंसी यानी एनआईए ने भारत में इस्लामिक स्टेट के एक बड़े मॉड्यूल 'हरकत उल हर्ब ए इस्लाम' का भंडाफोड़ करते हुए 10 लोगों को गिरफ्तार किया है. ये लोग दिल्ली में 26 जनवरी के पहले बड़े पैमाने पर हमले की तैयारी कर रहे थे. इनके पास से बड़ी मात्रा में बम बनाने का सामान, रॉकेट लॉन्चर और हथियार मिले हैं. NIA ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इसकी जानकारी दी. एनआईए के आईजी, आलोक मित्तल ने बताया कि 10 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है, जिसमें से 5 दिल्ली से और 5 यूपी के हैं. उनके पास से काफी हथियार बरामद हुए हैं. जिससे पता चलता है कि बड़ी साज़िश को अंजाम देने वाले थे. उन्होंने कहा कि ये लोग जल्द हमला करने वाले थे और रिमोट कंट्रोल से ब्लास्ट की तैयारी थी. एक ग्रेनेड लॉन्चर, 17 पिस्तौल, 25 किलो केमिकल, 120 अलार्म घड़ियां बरामद हुई हैं. NIA ने बताया कि फ़िदायीन हमले की भी तैयारी थी और 'फ़िदायीन हमले के लिए जैकेट बना रहे थे.
बड़े पैमाने पर 150 से ज्यादा अफसरों ने की छापेमारी
बुधवार की सुबह तड़के करीब 4 बजे जब लोग सो रहे थे तब एनआईए, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और यूपी एटीएस की दर्जनों टीमें एक साथ दिल्ली और यूपी में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के नए मॉड्यूल हरकत उल हर्ब ए इस्लाम से जुड़े लोगों के ठिकानों पर छापेमारी कर रही थीं. ये छापेमारी दिल्ली के जाफराबाद में 6 जगहों, इसके अलावा मेरठ, अमरोहा, लखनऊ और हापुड़ में 17 जगहों पर पूरे दिन चलती रही. छापेमारी में करीब 150 लोग शामिल थे. कुल 16 संदिग्ध पकड़े गए जिसमें दिल्ली से 5 और यूपी से 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया. एनआईए के आईजी आलोक मित्तल के मुताबिक ये मॉड्यूल 4 महीने से तैयार हो रहा था. इसकी जानकारी थी और 20 दिसंबर को इस मामले में कई धराओं के तहत केस दर्ज किया गया था.
उत्तरी पूर्वी के दिल्ली के जाफराबाद में रची जा रही थी साज़िश
एनआईए के मुताबिक इस मॉड्यूल का मास्टरमाइंड मोहम्मद सोहैल मुफ़्ती है जो जाफराबाद का ही रहने वाला है, लेकिन वो फिलहाल अमरोहा में मौलवी के तौर पर काम कर रहा था. उसे अमरोहा से गिरफ्तार किया गया है. सोहैल ही इस ग्रुप का मोटिवेटर है जो विदेश में बैठे आईएस के एक हैंडलर के संपर्क में था. इसके अलावा दिल्ली के जाफराबाद से ही आजम, अनस, जाहिद, जुबेर मलिक और ज़ैद मलिक को गिरफ्तार किया गया है. सभी पड़ोसी हैं और आसपास जाफराबाद की अलग-अलग गलियों में रहते हैं. इस कार्रवाई के दौरान भारी भीड़ थी, जिस देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिसबल तैनात किया गया था.
भारी मात्रा में बरामदगी
एनआईए के मुताबिक इन से संदिग्धों के पास से 12 पिस्टल मिले हैं. 150 कारतूस मिले हैं. एक देशी लांचर मिला है. 120 के आसपास अलार्म क्लॉक मिली हैं. 51 पाइप मिले हैं, 25 किलो केमिकल जैसे पोटेशियम नाइट्रेट, अमोनियम नाइट्रेट, सल्फर और विस्फोटक मिला है. इस केमिकल से ये लोग बड़े पैमाने पर बम बनाने वाले थे. फियादीन और रिमोट कंट्रोल्ड बम से हमले करने की तैयारी थी. ये लोग आपस मे टेलीग्राम और वॉट्सऐप से बात करते थे. फिदायीन हमले के लिए जैकेट भी बना रहे थे. इनके पास से 100 मोबाइल बरामद हुए हैं. 135 सिमकार्ड मिले हैं. 7.5 लाख रुपए कैश मिला है. 3 लैपटॉप, तलवारें और चाकू मिले हैं. लोकल लेवल पर ट्रेनिंग भी ली है.
26 जनवरी से पहले थी हमले की साज़िश
सूत्रों के मुताबिक ये लोग 26 जनवरी से पहले दिल्ली में कई सवेंदनशील जगहों और वीवीआईपी लोगों पर हमला करने की तैयारी कर रहे थे. इन्होंने हमले के लिए दिल्ली पुलिस मुख्यालय और आरएसएस मुख्यालय की रेकी भी की थी.
सोना चोरी कर लिया आतंक का सामान
अनस ने अपने घर से कुछ दिन पहले 5 लाख का सोना चोरी किया था, जिसे बेचकर हथियार खरीदे गए. हालांकि उसके घरवालों ने चोरी की कोई एफआईआर दर्ज नहीं कराई थी. अब ये भी पता लगाया जा रहा है कि इस मॉड्यूल के लिए क्या फंड बाहर से भी आ रहा था.
कोई सिविल इंजीनियर कोई मौलवी तो कोई कारोबारी
संदिग्धों में 29 साल का मास्टरमाइंड मोहम्मद मुफ़्ती सोहैल है जो अमरोहा के हकीम महताब उद्दीन मदरसे में मौलवी है, लेकिन वो दिल्ली के जाफ़रबाद का रहने वाला है. उसने ग्रुप में सभी लोगों को हमले के लिए हथियार और विस्फोटक इकट्ठा करने की जिम्मेदारी दी थी. दूसरा 24 साल का अनस यूनुस है जो एमिटी यूनिवर्सिटी से सिविल इंजीनियरिंग कर रहा है, वो इलेक्ट्रिकल का सामान जुटाकर बम और रॉकेट लॉन्चर बनाने की तैयारी कर रहा था. तीसरा 23 साल राशिद ज़फ़र है जो गारमेंट के कारोबार में है और जाफराबाद का रहने वाला है. चौथा 28 साल का सईद है जो अमरोहा का रहने वाला है और बेल्डिंग की दुकान चलाता है. पांचवा सईद का ही भाई रईस अहमद है जो अमरोहा में ही एक दूसरी बेल्डिंग शॉप चलाता है. इन दोनों भाइयों में ही बड़ी मात्रा में केमिकल और बम बनाने का सामान इकट्ठा किया था.
छठवां 20 साल का जुबेर मालिक है जो जाफ़रबाबद का ही रहने वाला है और दिल्ली यूनिवर्सिटी में बीए थर्ड ईयर का छात्र है. सातवां जुबेर का भाई 22 साल का ज़ैद मालिक है जो जाफ़रबाबद का रहने वाला है, जो फ़र्ज़ी दस्तावेजों पर सिम कार्ड, बैटरी, कनेक्टर्स इकट्ठा कर रहे थे. आठवां 26 साल का इफ्तिखार है यूपी के हापुड़ का रहने वाला है और एक मस्जिद में इमाम है, उसने मास्टरमाइंड मोहम्मद सुहैल को हथियार मुहैया करवाने में मदद की थी. इसके अलावा जाफ़रबाबद से ही आज़म और जाहिद को भी गिरफ्तार किया गया है. इन सभी संदिग्धों का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है, एक महिला से भी पूछताछ चल रही है लेकिन उसे गिरफ्तार नहीं किया गया है.
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