
राहुल गांधी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) को अनदेखा कर कमलनाथ (Kamal Nath) को अध्यक्ष बनाया था.
नई दिल्ली:
मध्य प्रदेश में कांग्रेस के नेता कमलनाथ (Kamal Nath) ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है. राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. कमलनाथ के शपथ ग्रहण समारोह में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तो मौजूद थे ही. साथ ही एच.डी.देवगौड़ा, शरद यादव, राकांपा के शरद पवार, चंद्रबाबू नायडू ने भी शिरकत की. समारोह में मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान भी शामिल हुए. सीएम बनने के तुरंत बाद कमलनाथ ने अपने वादे के मुताबिक किसानों का कर्ज़ माफ (Loan Waiver) कर दिया है. उन्होंने राजधानी भोपाल में कर्ज माफी वाली फाइल पर दस्तखत किये. कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के साथ ही मध्य प्रदेश में कांग्रेस का एक नया अध्याय शुरू हो गया है. हालांकि इसकी पटकथा करीब 7 महीने पहले ही लिखी जा चुकी थी.
अध्यक्ष पद की दौड़ में ही पिछड़ गए थे सिंधिया
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की जीत के साथ ही सीएम पद के दावेदारों के नाम पर चर्चा छिड़ गई. कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) दो ऐसे नेता थे, जिनका नाम सबसे आगे था. अंतत: अालाकमान ने वही किया जो करीब 7 महीने पहले किया था. दरअसल, मध्यप्रदेश में जब चुनावी बिगुल बजा और कांग्रेस ने इसकी तैयारी शुरू की तो सबसे पहले अपने 'सेनापति' यानी पार्टी अध्यक्ष को बदलने का निर्णय लिया. तत्कालीन अध्यक्ष अरुण यादव की जगह कौन लेगा, इस पर मंथन शुरू हुआ. उस समय भी दो नाम सामने आए. ये वही नाम थे, जिनका नाम अब सीएम पद के लिए भी लिया गया, ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ. ग्वालियर राजघराने के वंशज और पार्टी के युवा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया का पलड़ा भारी दिख रहा था. उनके पक्ष में गोलबंदी भी थी, लेकिन राहुल गांधी ने अनुभव को तरजीह देते हुए कमलनाथ (Kamal Nath) को राज्य की बागडोर सौंपी.
राहुल की मौजूदगी में कमलनाथ ने ली MP के सीएम पद की शपथ
गांधी परिवार के 'खास' रहे हैं कमलनाथ
जब कांग्रेस मध्यप्रदेश में सरकार बनाने की स्थिति में पहुंची और सीएम पद के दावेदारों के नाम पर चर्चा शुरू हुई तो सिंधिया और कमलनाथ (Kamal Nath) का नाम सामने आया. कमलनाथ के पास अनुभव तो था ही, साथ ही गांधी परिवार के साथ करीबियत की थाती भी थी. कमलनाथ संजय गांधी (Sanjay Gandhi) के 'खास' लोगों में शुमार रहे हैं और इमरजेंसी के दौर में तो वे संजय की आंख, नाक और कान कही जानी वाली 'चौकड़ी' के सदस्य भी रहे हैं. साथ ही इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी और राहुल से भी उनके उतने ही अच्छे संबंध रहे हैं.
जब इंदिरा ने कमलनाथ को कहा अपना तीसरा बेटा
कमलनाथ की गांधी परिवार से करीबी का एक सबूत पूर्व पीएम इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) का वो भाषण है, जिसमें उन्होंने कमलनाथ (Kamal Nath) को अपना तीसरा बेटा बताया. 1979 में मोरारजी देसाई की सरकार के खिलाफ इंदिरा की मदद करने वाले कमलनाथ के चुनाव प्रचार में जब इंदिरा गांधी छिन्दवाड़ा पहुंची तो उन्होंने कहा कि कि कमलनाथ उनके तीसरे बेटे हैं और उन्हें वोट दें. कमलनाथ ने भी बखूबी इस रिश्ते को निभाया. पिछले साल इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए 'मां' लिखकर ट्ववीट किया.
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VIDEO- सीएम पद की शपथ से पहले एनडीटीवी से कमलनाथ ने की बात
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