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This Article is From Jul 21, 2020

'पुलिस वाला' बनकर महिला की मदद से डॉक्‍टर को हनी ट्रैप में फंसाया, असली पुलिस ने यूं किया गिरफ्तार..

डॉक्टर ने जैसे ही 20 हजार रुपए आरोपियों को दिए, उसी वक्त मौके पर ही छिपे हुए सीआईए स्टाफ ने आरोपियों को इस रकम के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया.

'पुलिस वाला' बनकर महिला की मदद से डॉक्‍टर को हनी ट्रैप में फंसाया, असली पुलिस ने यूं किया गिरफ्तार..
पुलिस ने महिला सहित तमाम आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है
फरीदाबाद:

इसे अपने आप में अनोखा मामला ही कहा जाएगा...खुद को पुलिस वाला बताकर एक फिजियोथैरेपिस्ट को हनी ट्रैप में फंसाने के आरोप में सीआईए पुलिस ने महिला सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. पीड़ित डॉक्टर ने सोमवार को पुलिस आयुक्त ओपी सिंह को मिलकर अपनी शिकायत दी थी, जिस पर तत्‍परता से कार्रवाई करते हुए क्राइम ब्रांच सेक्टर 85 ने 24 घंटे के भीतर ही इस मामले को सुलझाने में सफलता हासिल की.एसीपी क्राइम अगेंस्ट वूमेन धारणा यादव ने फरीदाबाद में चल रहे हनी ट्रैप गैंग का खुलासा करते हुए मीडिया को बताया कि पुलिस आयुक्त ने गैंग का भंडाफोड़ करने की जिम्मेदारी क्राइम ब्रांच सेक्टर 85 को सौंपी थी. 

क्राइम ब्रांच सेक्टर 85 ने सूत्रों के आधार पर पता लगाया कि इस गैंग में 3 सदस्य हैं जिनमें से 2 सदस्य अपने आप को हरियाणा पुलिस के सब इंस्पेक्टर और हवलदार बताते हैं और अपनी पोस्टिंग सेक्टर 30 सीआईए में बताते हैं. इसके अलावा इनके साथ दिल्ली की रहने वाली एक 25 वर्षीय महिला भी है. क्राइम ब्रांच सेक्टर 85 को डॉक्टर ने बताया कि उनकी दुकान पर एक महिला पेशेंट बनकर आई थी और वह फिर डॉक्टर के पास लगभग रोजाना आने लगी. कुछ दिन बाद महिला ने डॉक्टर से दोस्ती की और कहा कि वह उससे होटल में मिलना चाहती है. डॉक्टर को आरोपी महिला अपने साथ होटल में लेकर गई. होटल में पहले से ही 'नकली पुलिस कर्मी' सब इंस्पेक्टर और हवलदार मौजूद थे. इसके एक दो दिन बाद ही सेक्टर 30 सीआईए के 'नकली पुलिसकर्मी' बने प्रवीण और 'नकली हवलदार' ब्रह्म ने डॉक्टर को फोन कर कहा कि उन्‍हें शिकायत मिली है कि आपने किसी महिला के साथ गलत काम किया है और आप के खिलाफ मामला दर्ज करने के निर्देश है. जिस पर डॉक्टर ने महिला से संपर्क किया तो महिला के साथ डॉक्टर से मिलने के लिए उसका 'नकली भाई' बनकर राहुल नाम का लड़का आया और डॉक्टर को ब्लैकमेल करने लगा. उसने कहा कि तूने जो भी मेरी बहन के साथ किया है इसका अंजाम तुझे भुगतना पड़ेगा. 

इस पर डॉक्टर ने कहा कि वह कुछ भी करने को तैयार है लेकिन आप ऐसा-वैसा कुछ मत करना. इसके बाद सीआईए के 'नकली एसआई और हवलदार', महिला और उसके 'नकली भाई' राहुल के बीच सेक्टर 31 टाउन पार्क में मीटिंग हुई. वहां पर मौजूद नकली पुलिस कर्मियों ने बताया कि वह पुलिस लाइन में अंदर फिजियोथैरेपिस्ट को नहीं बुला सकते क्योंकि वहां पर उसको गिरफ्तार कर लिया जाएगा इसलिए ज्यादातर सेक्टर 31 टाउन पार्क में ही मिलते थे. टाउन पार्क में मीटिंग के दौरान आरोपियों ने ₹20 लाख रुपए की डिमांड की. इतने पैसे नहीं देने के कारण डिमांड कम करते-करते आखिरकार डेढ़ लाख रुपए में फैसला हो गया. डॉक्टर ने क्राइम ब्रांच 85 इंचार्ज को बताया कि वह डेढ़ लाख रुपया देने के लिए कल 20 तारीख को रात 11:00 बजे के आसपास टाउन पार्क के गेट पर जाएगा. डॉक्टर ने सिर्फ ₹20 हजार रुपए दिए और कहा कि वह बचे हुए पैसे बाद में दूंगा. डॉक्टर ने जैसे ही 20 हजार रुपए आरोपियों को दिए, उसी वक्त मौके पर ही छिपे हुए सीआईए स्टाफ ने आरोपियों को इस रकम के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. मामले में आरोपी प्रवीण, जो कि अपने आप को सब इंस्पेक्टर सीआईए सेक्टर 30 का बताता था, नकली हवलदार ब्रह्म और महिला को गिरफ्तार कर लिया है आरोपियों से वारदात में प्रयोग मोबाइल फोन और ₹20 हजार रुपए भी बरामद किए गए हैं. 

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