राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत की टिप्पणियों को लेकर पैदा हुए विवाद के बीच केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता एम वेंकैया नायडू ने गुरुवार को इस बात को लेकर फटकार लगाई कि जब कहीं भी 'हिंदू' शब्द का जिक्र आता है तो विवाद पैदा करने के प्रयास किए जाते हैं।
संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने एक समारोह में कहा, 'हिंदू एक धार्मिक अवधारणा नहीं है। हिंदू एक सांस्कृतिक पहचान है।' भागवत ने कुछ दिन पहले कहा था कि भारत एक हिंदू राष्ट्र है और हिंदुत्व उसकी पहचान है।
वेंकैया ने सवालिया अंदाज में कहा, 'यदि हिंदू एक धर्म है तो यह : द : हिंदू अखबार क्यों.?....यदि हिंदू एक धर्म है, तो हिंदुस्तान टाइम्स न्यूजपेपर और हिंदू 'अखबार' हिंदुस्तान क्यों? और हिंदुस्तान मशीन टूल्स (एचएमटी) क्यों ? और हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड? फिर हिंदुस्तान शिपयार्ड क्यों?'
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'मैं आपको ऐसे 25 उदाहरण दे सकता हूं। ये नाम (प्रधानमंत्री) नरेन्द्र मोदी या वेंकैया नायडू या किसी और ने नहीं दिए हैं। ये हमारी परंपरा में हैं। 15 अगस्त को, आप क्या कहते हैं? जय हिंद : क्या इसका मतलब ये कहना है कि हिंदुओं को जय और बाकी को नहीं। ऐसा है क्या?'
सीएसआईआर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कैमिकल टैक्नोलोजी (आईआईसीटी) की 70वीं वर्षगांठ के समापन समारोह में वेंकैया ने तर्क दिया कि जब कोई 'स्वदेशी' की बात करता है तो इसका मतलब है कि भारत में उपलब्ध ज्ञान का दोहन करना और आगे बढ़ना। उन्होंने कहा, 'हम बाहर से कुछ हासिल करने के खिलाफ नहीं हैं।'
वेंकैया ने कहा, 'भारत ने हर किसी को घर दिया है सभी धर्मों को। यहां हर कोई स्वतंत्र रूप से आता है। यह महान संस्कृति, इस राष्ट्र में हर किसी को समाहित करने की क्षमता है।' उन्होंने कहा, 'यह इस देश की गहरे तक जड़ें जमाए हुए संस्कृति है। और अब कुछ लोग बिना बात विवाद पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं। और कुछ लोग तो, जैसे ही आपने हिंदू शब्द बोला नहीं कि वे सवाल करते हैं कि यह हिंदू क्या है?'
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