लखनऊ:
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कथित रूप से ‘लाभ के दोहरे पद’ पर बने होने के लिए उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री आजम खान को विधायक के तौर पर अयोग्य ठहराने और मंत्री पद से दूर रखने से जुड़े निर्देश की मांग करने वाली एक जनहित याचिका पर अपना आदेश जारी करने के लिए 15 जुलाई की तारीख तय की है।
मुख्य न्यायाधीश डी.वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति श्रीनारायण शुक्ला की एक खंडपीठ ने यहां याचिका पर आदेश जारी किया। याचिकाकर्ता एच.एस. जैन के अनुसार, विधायक और कैबिनेट मंत्री होने के कारण आजम को उत्तर प्रदेश जल निगम का प्रमुख नियुक्त नहीं किया जा सकता क्योंकि यह ‘लाभ के दोहरे पद’ संभालने के दायरे में आता है।
इस आरोप को गलत बताते हुए राज्य सरकार का कहना है कि आजम खान उप्र जल निगम के अध्यक्ष के तौर पर कोई मानदेय नहीं ले रहे हैं, इसलिए वह ‘लाभ के दोहरे पर रहने’ के दायरे में नहीं आते।
मुख्य न्यायाधीश डी.वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति श्रीनारायण शुक्ला की एक खंडपीठ ने यहां याचिका पर आदेश जारी किया। याचिकाकर्ता एच.एस. जैन के अनुसार, विधायक और कैबिनेट मंत्री होने के कारण आजम को उत्तर प्रदेश जल निगम का प्रमुख नियुक्त नहीं किया जा सकता क्योंकि यह ‘लाभ के दोहरे पद’ संभालने के दायरे में आता है।
इस आरोप को गलत बताते हुए राज्य सरकार का कहना है कि आजम खान उप्र जल निगम के अध्यक्ष के तौर पर कोई मानदेय नहीं ले रहे हैं, इसलिए वह ‘लाभ के दोहरे पर रहने’ के दायरे में नहीं आते।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं