झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को अपनी सरकार के मंत्री चंद्रशेखर दुबे को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया। राज भवन के सूत्रों ने बताया कि दुबे ने सोरेन को झारखंड के इतिहास का सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री करार दिया था।
झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की गठबंधन सरकार में कांग्रेस के मंत्री दुबे ने कुछ दिनों पूर्व मीडिया के समक्ष कहा था, "सोरेन झारखंड के इतिहास में सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री हैं।"
मुख्यमंत्री ने बाद में कहा, "पिछले कुछ दिनों में कई अवांछित घटनाएं हुई हैं, जिन्होंने नौकरशाही और राजनीतिक पार्टियों को प्रभावित किया है। हमारी गठबंधन सरकार है और दुबे को बर्खास्त करने का फैसला गठबंधन पार्टी की सहमति से लिया गया है।"
झामुमो की कोर कमेटी के सदस्य विनोद पांडे ने बताया, "हमने कांग्रेस के नेताओं से विचार-विमर्श के बाद दुबे को सुबह 10.30 बजे तक इस्तीफा देने के लिए कहा। जब उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया, तब मुख्यमंत्री ने उनको बर्खास्त करने की अनुशंसा राज्यपाल (सैयद अहमद) से की।"
इधर, दुबे ने मंत्रिमंडल से बर्खास्त किए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए संवाददाताओं से कहा, "मैं हेमंत सोरेन सरकार से तंग आ चुका हूं। इनके पतन की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है।"
उन्होंने कहा, "लोग आगामी चुनाव में जवाब देंगे। मैं यहां भ्रष्टाचार के मुद्दे को उठा रहा था। मैं नई दिल्ली जाऊंगा और केंद्रीय नेताओं से बात कर के अंतिम फैसला लूंगा।"
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश इकाई ने दुबे द्वारा सरकार पर लगाए गए आरोपों के जांच की मांग की है।
भाजपा विधायक रघुबर दास ने कहा, "दुबे को बर्खास्त किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। एक मंत्री जो सरकार के गलत कार्यों को उजागर कर रहा था, उसे मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया।"
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