यह ख़बर 19 अप्रैल, 2011 को प्रकाशित हुई थी

अरुणाचल हेलीकॉप्टर दुर्घटना में 17 मरे, 6 घायल

खास बातें

  • अरुणाचल प्रदेश के तवांग में एक व्यावसायिक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 17 लोगों की मौत हो गई।
अरुणाचल प्रदेश:

अरुणाचल प्रदेश के तवांग में एक व्यावसायिक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 17 लोगों की मौत हो गई। दो पायलट सहित छह यात्री इस हादसे में बाल-बाल बच गए, लेकिन उनमें से चार की हालत चिंताजनक बताई जा रही है। अरुणाचल प्रदेश नागरिक उड्डयन विभाग के सहायक निदेशक ए. टोको ने बताया, "अब तक हम हादसे में 17 लोगों की मौत और दो पायलट सहित छह लोगों के बच जाने की पुष्टि कर सकते हैं। लेकिन वे गंभीर रूप से घायल हैं, उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।" दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर पवन हंस हेलीकॉप्टर्स लिमिटेड (पीएचएचएल) का है। यह चीन के तिब्बत से सटे क्षेत्र में 11,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित तवांग हेलीपैड पर उतरते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गया। टोको के मुताबिक, "हेलीकॉप्टर में सम्भवत: तवांग हेलीपैड पर उतरने से पहले आग लग गई और फिर यह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर के अवशेष हेलीपैड से कुछ ही दूरी पर बरामद किए गए हैं।" इससे पूर्व इस आशय की खबरें आ रही थीं कि हेलीपैड पर उतरने से पहले हेलीकॉप्टर पहाड़ी से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हेलीकॉप्टर में दो पायलट सहित चालक दल के तीन अन्य सदस्य और 18 यात्री सवार थे, जिनमें से दो नाबालिग थे। इसमें 30 लोगों के बैठने की क्षमता थी। पवनहंस के एमआई-17 हेलीकॉप्टर ने असम की राजधानी गुवाहाटी से तवांग के लिए दोपहर 12.50 बजे उड़ान भरी थी और करीब 01.57 बजे यह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। पवन हंस हेलीकॉप्टर लिमिटेड गुवाहाटी तथा तवांग सहित अरुणाचल प्रदेश के दूर-दराज के अन्य क्षेत्रों और उत्तर पूर्व के दूसरे इलाकों के लिए भी प्रतिदिन हेलीकॉप्टर सेवा मुहैया कराता है। हेलीकॉप्टर में सवार सभी यात्री भारतीय थे, जिनमें से अधिकतर पर्यटक थे। अरुणाचल प्रदेश की राजधानी इटानगर में तैनात कम्पनी के एक अधिकारी के अनुसार हेलीपैड वाले इलाके में मौसम ठीक था। क्षेत्र में यह इस तरह की पहली घटना है। उन्होंने कहा, "हम पिछले नौ साल से अपनी सेवा दे रहे हैं। यहां तक कि कल (सोमवार) भी यही हेलीकॉप्टर लौटा था और यहां से यात्रियों को ले जाने निकला था। हम राहत अभियान समाप्त होने का इंतजार कर रहे हैं, ताकि दुर्घटना के निश्चित कारणों का पता लगाया जा सके।" पिछले साल नवम्बर में भी एमआई-17 हेलीकॉप्टर उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें 12 सैन्यकर्मी मारे गए थे।


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