दिल्ली में में शनिवार को भी भीषण गर्मी का प्रकोप बना रहा और शहर के कुछ इलाकों में तापमान 46 डिग्री सेल्सियस के पार चला गया. सफदरजंग वेधशाला में दिल्ली का तापमान 43.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से तीन डिग्री सेल्सियस अधिक है जबकि न्यूनतम तापमान 27.6 डिग्री सेल्सियस रहा. यहां हवा में नमी का स्तर तीस फीसदी से 56 फीसदी दर्ज किया गया. पालम, आयानगर ओर जाफरपुर में तापमान क्रमश: 46.1, 46, 45.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. निजी मौसम एजेंसी स्काईमेट वेदर के महेश पालावत ने कहा है कि अगले सप्ताह भी राष्ट्रीय राजधानी में लू के हालात बने रह सकते हैं और अधिकतम तापमान 46 डिग्री सेल्सियस पर बना रह सकता है. उत्तर प्रदेश और दिल्ली के अधिकांश इलाकों में पुरवाई बहने से दिल्ली एनसीआर के दिन के तापमान में मामूली कमी आ सकती है जबकि रात के तापमान में मामूली वृद्धि हो सकती है. सरकारी एजेंसी सिस्टम ऑफ एयर क्वॉलिटी एडं वेदर फोरकास्टिंग एडं रिसर्च (सफर) के अनुसार शहर में हवा की संपूर्ण गुणवत्ता खराब श्रेणी में बनी रह सकती है. राजस्थान में भीषण गर्मी का दौर रविवार को जारी रहा. सूरज की तपिश के साथ लू चलने से आम जनजीवन प्रभावित हुआ है. चूरू में रविवार को सबसे अधिक अधिकतम तापमान 48.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. सीकर के नैछवा थाना क्षेत्र में कल एक किसान की खेत में काम करने के दौरान भीषण गर्मी से मौत हो गई. पुलिस ने बताया कि हनुमान जाट (45) की खेत में काम करने के दौरान मौत हो गई.
लू से बचना जरूरी
उत्तरी राज्यों में गर्मी की लहर तेज होने के साथ बच्चों, बुजुर्गो और पहले से बीमार लोगों को सावधान रहने की जरूरत है. भीषण गर्मी के संपर्क में आने से शरीर में ऐंठन, थकावट और हीट-स्ट्रोक सहित कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, इसलिए खूब पानी पीएं, ताकि शरीर 'हाइड्रेटेड' रहे. गर्मी से थकावट, हीट-स्ट्रोक, बुखार, शरीर में पानी की कमी हो सकती है और अन्य लक्षण- जैसे सिरदर्द, प्यास, मतली या उल्टी, नाड़ी तेज चलना आदि प्रकट हो सकते हैं. थकावट और हीट स्ट्रोक के बीच मुख्य अंतर यह है कि हीट स्ट्रोक में पसीना नहीं निकलता है.
हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया (एचसीएफआई) के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. के.के. अग्रवाल का कहना है कि गर्मी की थकावट तब महसूस होती है, जब तापमान 37 से 40 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है. हीट स्ट्रोक में तापमान बहुत अधिक होता है, और कुछ ही मिनट के अंदर इसे कम करने की जरूरत होती है.
क्या करें जब लग जाए लू
र्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया (एचसीएफआई) के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. के.के. अग्रवाल ने बताया, "नम स्पंज के उपयोग से ठंडे या टैपिड स्नान की मदद से शरीर को ठंडा किया जा सकता है. हालांकि पानी में गहरे जाने या कूलिंग ब्लेंकेट के उपयोग से बचें. कुछ सावधानियां जरूरी हैं, जैसे पसीना आना, शुष्क बगल, 8 घंटे तक मूत्र न आना या गर्मियों में उच्च बुखार होना. यदि ये लक्षण प्रकट होते हैं तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें. इस मौसम में खास सावधानी बरतनी चाहिए. जिन लोगों को तरल या नमक लेने पर प्रतिबंध है या जो मूत्रवर्धक दवा ले रहे हैं, उन्हें तुरंत किसी विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए."
सफाई का रखें ध्यान
ज्येष्ठ (मई) का महीना पानी के संरक्षण, जल स्वच्छता बनाए रखने और लोगों को जलदान करने के लिए जाना जाता है. इसका ध्यान तो रखें ही, शौचालय जाने के बाद हाथ धोना, स्नान करना और नियमित रूप से कपड़े और बर्तन धोना भी महत्वपूर्ण है. स्वच्छता की अनुपस्थिति में कोई व्यक्ति डायरिया, टाइफाइड और पीलिया से पीड़ित हो सकता है. गर्मी के विकारों से बचने के लिए सुनिश्चित करें कि आपका शरीर पर्याप्त रूप से हाइड्रेटेड रहे."
मेडिकल व्रत भी कर सकते हैं
गर्मियों के दौरान हर किसी के लिए एक 'मेडिकल व्रत' का महत्व रेखांकित किया जाना चाहिए. व्रत का सबसे सरल तरीका यह हो सकता है कि हफ्ते में एक बार कार्बोहाइड्रेट नहीं खाया जाए, बल्कि सिर्फ फलों व सब्जियों से पेट भरा जाए.
राजस्थान में भीषण गर्मी, चुरू बना दुनिया का तीसरा सबसे गर्म इलाका
अन्य खबरें : झुलसाती गर्मी और तपती धूप के बीच आई राहत भरी खबर, कम हो सकता है दिल्ली का तापमान
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं