महाराष्ट्र का हनुमान चालीसा मसला पिछले कुछ दिनों से देशभर में काफी सुर्खियां बटोर रहे हैं. इस मामले में निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा को अदालत ने दोनों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. अब नवनीत राणा और रवी राणा की जमानत अर्जी पर सुनवाई 29 अप्रैल तक के लिए टाल दी गई है. आज सुनवाई के दौरान सरकारी पक्ष ने जवाब देने के लिए समय मांगा जिसपर अदालत ने 29 अप्रैल को जवाब देने का आदेश दिया.
महाराष्ट्र के पुलिस महासंचालक आज नवनीत राणा मामले में राज्य के मुख्य सचिव को शाम तक रिपोर्ट देंगे. लोकसभा सचिव की ओर से राज्य के मुख्य सचिव को 24 घंटे के भीतर नवनीत राणा के मामले में रिपोर्ट सादर करने का आदेश दिया है. सूत्रों के अनुसार सरकार नवनीत राणा मामले में उनपर लगाए गए आरोप पर अपनी रिपोर्ट देंगे जिसमें वो दावा करेंगे कि नवनीत राणा के सभी आरोप बेबुनियाद हैं. महाराष्ट्र सरकार सूत्रों के मुताबिक लोकसभा सेक्रेटेरिएट केंद्रीय गृह मंत्रालय का पत्र मिल चुका है.
इस पत्र में महाराष्ट्र सरकार से नवनीत राणा द्वारा लगाए गए आरोपों पर जवाब मांगा गया है. महाराष्ट्र DGP रिपोर्ट तैयार करेंगे और चीफ सेक्रेटरी इस रिपोर्ट को केंद्र सरकार को सौपेंगे. 24 घण्टे में ये रिपोर्ट ईमेल के ज़रिए भेज दी जायेगी. नवनीत राणा का पुलिस पर दलित होने के चलते तंज कसने और परेशान होने के आरोप पूरी तरह गलत है. अगर नवनीत राणा के दलित वाले आरोप गलत साबित हुए तो महाराष्ट्र सरकार नवनीत राणा के खिलाफ़ कारवाई कर सकती है.
इसका मतलब अब 29 अप्रैल तक नवनीत राणा और रवी राणा को जेल में ही रहना होगा. राणा दंपति पर आईपीसी की धारा 15A और 353 तो बॉम्बे पुलिस एक्ट की धारा 135 के तहत FIR दर्ज की गई है. और साथ ही धारा 124A यानी राजद्रोह की धारा लगायी गई है. जिसमें नवनीत राणा पर सरकारी सिस्टम को चुनौती देने का आरोप है.
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महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे के घर के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने के मामले में गिरफ्तार सांसद नवनीत राणा काफी सुर्खियां बटोर रही है. हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की याचिका खारिज कर दी है. नवनीत राणा को सार्वजनिक जगह पर हनुमान चालीसा को लेकर फटकार लगाई है. अदालत ने कहा कि सार्वजनिक जीवन वालों की जिम्मेदारी ज्यादा है.
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