सतलुज-यमुना नहर को लेकर पंजाब की सियासत गरमाई

सतलुज-यमुना नहर को लेकर पंजाब की सियासत गरमाई

पिछले दिनों इस मामले को लेकर कांग्रेस ने भी प्रदर्शन किया था...

चंडीगढ़:

पंजाब विधानसभा ने प्रस्ताव पारित कर एक बार फिर सतलुज-यमुना लिंक नहर के लिए हरियाणा को पानी नहीं देने पर मुहर लगा दी है। गुरुवार को इस मुद्दे पर कांग्रेस विधायकों ने तीन बार सदन में हंगामा किया, जिसके बाद स्पीकर ने सबको दिनभर के लिए निलंबित किया। इसके बाद अकाली दल और भाजपा विधायकों की मौजूदगी में मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने ऐलान किया कि नहर के लिए अधिग्रहित की गई जमीन भी किसानों को वापस की जाएगी।

इससे पहले युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं के विधानसभा मार्च को पुलिस ने पंजाब कांग्रेस भवन पर ही रोक लिया। करीब सौ कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को वॉटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा।

वहीं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष चरनजीत सिंघ चन्नी ने आरोप लगाया कि जमीन वापस करने का प्रस्ताव उन्होंने स्पीकर को सौंपा था, जिसे अकाली दल ने हथिया लिया और कांग्रेस विधायकों को सदन से बाहर कर खुद ही प्रस्ताव पास करवा लिया।

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आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता हिम्मत सिंह शेरगिल ने कहा कि इस मसले पर अकाली-भाजपा और कांग्रेस की मिलीभगत है। उन्होंने आरोप लगाया कि नहर के लिए जब नींव रखी गई थी उस वक्त कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह मौजूद थे। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने सप्रीम कोर्ट में हरियाणा का पक्ष लिया है इसलिए अकाली दल को भाजपा से अलग हो जाना चाहिए।