राजद्रोह के एक मामले में जमानत मिलने के एक दिन बाद गुरुवार को साबरमती केंद्रीय कारागार से बाहर आने के तुरंत बाद कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल को गांधीनगर जिला पुलिस ने 2017 में बिना पुलिस की अनुमति के रैली करने के मामले में गिरफ्तार कर लिया. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. अहमदाबाद की एक स्थानीय अदालत ने बुधवार को पटेल को जमानत दे दी थी, जिसके चार दिन पहले उन्हें 2015 के एक राजद्रोह के मामले में निचली अदालत में पेश होने में विफल रहने के लिए गिरफ्तार किया गया था.
राजद्रोह मामला: कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल ने जमानत याचिका दायर की
गुरुवार दोपहर बाद जेल से बाहर आते ही, उन्हें 2017 में पुलिस आदेश की अवहेलना करने के आरोप में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के सिलसिले में गांधीनगर जिले की मानसा तहसील की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. मानसा के पुलिस उप निरीक्षक एसएस पवार ने कहा, 'आज जेल से बाहर आते ही हार्दिक पटेल को हमने गिरफ्तार कर लिया. दिसंबर 2017 में गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने पुलिस की अनुमति के बिना मानसा शहर में एक सभा को संबोधित किया था. उस मामले को लेकर तब प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिस मामले में आज उन्हें गिरफ्तार किया गया.'
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बता दें कि हार्दिक पटेल को 18 जनवरी को अहमदाबाद जिले की विरामगाम तहसील की अपराध शाखा ने 2015 के राजद्रोह मामले में निचली अदालत के सामने पेश होने में नाकाम रहने के लिए गिरफ्तार किया था. पाटीदार नेता पटेल 2019 लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हुए थे.
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