नए आरोपों से घिर गए गुड़गांव के पुलिस कमिश्नर नवदीप विर्क

नए आरोपों से घिर गए गुड़गांव के पुलिस कमिश्नर नवदीप विर्क

गुड़गांव के पुलिस कमिश्नर नवदीप विर्क और ज्वाइंट कमिश्नर भारती अरोड़ा (फाइल फोटो)।

नई दिल्ली:

गुड़गांव के पुलिस कमिश्नर और एक महिला ज्वाइंट कमिश्नर की लड़ाई में कई और खुलासे हो रहे हैं। पता चला है कि जिस बलात्कर पीड़ित लड़की की पुलिस कमिश्नर पर मदद करने का आरोप है उस महिला ने कई और लोगों पर भी बलात्कार के केस दर्ज कराए हैं। कई लोगों ने अब गुड़गांव पुलिस कमिश्नर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

महिला के कहने पर केस दर्ज कराए
अजय भरद्वाज को लेकर  गुड़गांव पुलिस कमिश्नर नवदीप विर्क और महिला ज्वाइंट कमिश्नर भारती अरोड़ा के बीच जंग छिड़ी है। अजय का कहना है कि खुद को मिस चंडीगढ़ बताने वाली एक महिला के साथ 'वे लिव इन रिलेशनशिप' में थे और उनके 2 बच्चे भी हैं, लेकिन बाद में महिला उन्हें ब्लैकमेल करने लगी। महिला  के कहने पर उन पर और उनके परिवार पर बलात्कार समेत 7 फर्जी केस दर्ज कराए गए। इनमें 4 केस नवदीप सिंह विर्क के कहने पर दर्ज हुए। आरोप है कि महिला और पुलिस कमिश्नर के करीबी रिश्ते हैं। कुछ ऐसा ही दावा ज्वाइंट कमिश्नर भारती अरोड़ा ने भी किया है।    
 
कमिश्नर को कटघरे में खड़े करने वाले सबूत
यही नहीं बुधवार को कई लोगों ने मिलकर गुड़गांव पुलिस कमिश्नर के खिलाफ मोर्चा खोला। दावा किया गया कि एक ही पीड़ित महिला ने 2 और लोगों पर रेप के केस दर्ज कराए हैं। अजय की बहन चंचल ने वे तमाम सबूत पेश किए जो गुड़गांव पुलिस कमिश्नर को कटघरे में खड़ा करते हैं। उनके मुताबिक उन्हें कुछ महीने पहले गुड़गांव के पुलिस वालों ने कोर्ट से अगवा कर लिया। वे कमिश्नर को फोन और एसएमएस करती रहीं लेकिन कोई जवाब नहीं आया। उन्होंने कुछ पुलिस कर्मियों की तस्वीरें भी जारी कीं जो बिना नेमप्लेट के दिख रहे थे।  
 
करनाल के रहने वाले विशाल ने भी दावा किया कि गुड़गांव के पुलिस कमिश्नर ने उनके खिलाफ फर्जी रेप का केस दर्ज कराया और वे 4 महीने जेल में भी रहे।

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बलात्कार के दो फर्जी केस दर्ज कराए और मेल से धमकी दी
उधर चंड़ीगढ़ में रह रहे एक एनआरआई का मामला भी अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है।एनआरआई के वकील नीला गोखले के मुताबिक उसी पीड़ित लड़की ने दिल्ली के बसंत विहार थाने में उनके क्लाइंट के खिलाफ छेड़खानी और बलात्कार के दो फर्जी केस दर्ज कराए। बाद में एक मेल के जरिए एनआरआई को धमकी भी दी गई। जांच में पता चला कि यह मेल जांच अधिकारी के लेपटॉप से भेजे गए हैं। अब इस मामले की जांच डीजीपी ने डीजी क्राइम को सौंप दी है।