सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात दंगा मामले में राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा क्लीन चिट दिए जाने के खिलाफ दिवंगत सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जकिया जाफरी की याचिका पर 26 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई. सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि इस याचिका को तीन साल हो चुके हैं, लिहाजा और सुनवाई टाली नहीं जाएगी. दरअसल, जाकिया की ओर से कपिल सिब्बल ने मामले में कुछ और वक्त मांगा था क्योंकि दस्तावेज ज्यादा संख्या में हैं.
पिछली सुनवाई में जाकिया जाफरी की वकील अपर्णा भट्ट ने न्यायालय से कहा कि इस मामले में मुद्दा विवादास्पद है. इसलिए फिलहाल टाला जाए. इस पर पीठ ने कहा था कि इस पर सुनवाई इतनी बार टल चुकी है, ये जो भी है हमें इस पर किसी न किसी दिन सुनवाई करनी ही है. एक तारीख लीजिए और यह सुनिश्चित करिए कि सभी मौजूद हों.
वकील ने इससे पहले शीर्ष अदालत से कहा था कि याचिका पर एक नोटिस जारी करने की जरूरत है क्योंकि यह 27 फरवरी 2002 से मई 2002 तक कथित ‘बड़े षडयंत्र' से संबंधित हैं.
गौरतलब है कि गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के एक कोच में आग लगाए जाने में 59 लोगों के मारे जाने की घटना के ठीक एक दिन बाद 28 फरवरी 2002 को गुलबर्ग सोसाइटी में 68 लोग मारे गए थे. मारे गए लोगों में एहसान जाफरी भी शामिल थे. घटना के करीब 10 साल बाद आठ फरवरी 2012 में एसआईटी ने नरेंद्र मोदी तथा 63 अन्य को क्लीन चिट देते हुए ‘क्लोजर रिपोर्ट' दाखिल की थी.
सब मेरी आंखों के सामने हुआ : गुलबर्ग केस पर जकिया जाफरी
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