
सोमनाथ में पूजा करते हुए केजरीवाल।
अहमदाबाद:
प्रधानमंत्री के अपने राज्य गुजरात में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के करीब डेढ़ साल पहले ही सोमनाथ में भगवान को प्रणाम कर जैसे अरविन्द केजरीवाल ने चुनाव प्रचार की ही शुरुआत की। उन्होंने दो दिन की गुजरात यात्रा की शनिवार को शुरुआत की। हालांकि सूरत में व्यापारियों के साथ उनकी मीटिंग विवादों के बीच रद्द हुई थी, लेकिन सौराष्ट्र में किसानों के साथ मीटिंग उन्होंने की और किसानों के लिए मोदी सरकार से वे ज्यादा संजीदा हैं, ऐसा दावा भी किया।
केजरीवाल ने दावा किया कि गुजरात में किसानों से सस्ते में जमीन छीन ली जाती है और औद्योगिक घरानों को दे दी जाती है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने दिल्ली में ऐतिहासिक 3 करोड़ रुपये किसानों को मुआवज़ा दिया था लेकिन केन्द्र सरकार ने उसे रोक दिया। दिल्ली में उनकी पार्टी और भाजपा की लड़ाई का उन्होंने इशारों-इशारों में जिक्र करते हुए कहा कि वे उनसे लड़ते रहेंगे। 
आम आदमी पार्टी गुजरात में पिछले लोकसभा चुनावों में कोई खास प्रदर्शन नहीं कर पाई थी। लेकिन इस बार उन्हें उम्मीदें है कि किसानों की सरकार से नाराज़गी और सरकार के खिलाफ पटेल आंदोलन से उनका प्रदर्शन अच्छा हो सकता है। इसीलिए वे अपने भाषणों में हार्दिक पटेल का जिक्र करना नहीं भूले। केजरीवाल ने कहा कि हार्दिक पटेल जो अपने समाज के लिए लड़ रहा है उसके खिलाफ देशद्रोह भाजपा ने लगाया और एकनाथ खडसे के खिलाफ नहीं, जबकि उन पर दाऊद से रिश्ते का आरोप था। 
हालांकि केजरीवाल की सभाएं आम चुनावी सभाओं की तरह बड़ी नहीं थीं लेकिन कुछ किसानों को लगता है कि सरकार विरोधी माहौल उनकी यात्रा से जरूर बढ़ सकता है। हालांकि गुजरात में कोई तीसरा मोर्चा कभी सफल नहीं रहा है, लेकिन केजरीवाल को लगता है कि नरेन्द्र मोदी के बिना गुजरात भाजपा और कमजोर कांग्रेस, उनके लिए अच्छा मौका हो सकता है, तीसरे मोर्चे के तौर पर उभरने के लिए।
केजरीवाल ने दावा किया कि गुजरात में किसानों से सस्ते में जमीन छीन ली जाती है और औद्योगिक घरानों को दे दी जाती है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने दिल्ली में ऐतिहासिक 3 करोड़ रुपये किसानों को मुआवज़ा दिया था लेकिन केन्द्र सरकार ने उसे रोक दिया। दिल्ली में उनकी पार्टी और भाजपा की लड़ाई का उन्होंने इशारों-इशारों में जिक्र करते हुए कहा कि वे उनसे लड़ते रहेंगे।

आम आदमी पार्टी गुजरात में पिछले लोकसभा चुनावों में कोई खास प्रदर्शन नहीं कर पाई थी। लेकिन इस बार उन्हें उम्मीदें है कि किसानों की सरकार से नाराज़गी और सरकार के खिलाफ पटेल आंदोलन से उनका प्रदर्शन अच्छा हो सकता है। इसीलिए वे अपने भाषणों में हार्दिक पटेल का जिक्र करना नहीं भूले। केजरीवाल ने कहा कि हार्दिक पटेल जो अपने समाज के लिए लड़ रहा है उसके खिलाफ देशद्रोह भाजपा ने लगाया और एकनाथ खडसे के खिलाफ नहीं, जबकि उन पर दाऊद से रिश्ते का आरोप था।

हालांकि केजरीवाल की सभाएं आम चुनावी सभाओं की तरह बड़ी नहीं थीं लेकिन कुछ किसानों को लगता है कि सरकार विरोधी माहौल उनकी यात्रा से जरूर बढ़ सकता है। हालांकि गुजरात में कोई तीसरा मोर्चा कभी सफल नहीं रहा है, लेकिन केजरीवाल को लगता है कि नरेन्द्र मोदी के बिना गुजरात भाजपा और कमजोर कांग्रेस, उनके लिए अच्छा मौका हो सकता है, तीसरे मोर्चे के तौर पर उभरने के लिए।
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