गुजरात सरकार ने कमजोर मानसून से निपटने की तैयारी शुरू कर दी है. एनडीटीवी से खास बातचीत में गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने कहा कि मानसून अब तक गुजरात के एक बड़े हिस्से तक नहीं पहुंचा है. रुपाणी ने कहा, "मानसून अभी तक अपसेट है. आधे गुजरात में पानी गिरा है, आधे गुजरात में अभी तक मानसून का पानी नहीं आया है. कच्छ से सौराष्ट्र और उत्तरी गुजरात में अभी तक कम बारिश हुई है."
गुजरात के मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि मानसून की स्थिति में सुधर होगा लेकिन साथ ही कहा कि राज्य सरकार ने किसी भी स्थिति से निपटने की तैयारी शुरू कर दी है.
रुपाणी ने एनडीटीवी से कहा, "हमारी पहली प्राथमिकता होगी कि हम लोगों को पीने का पानी उपलब्ध कराएं. दूसरी प्राथमिकता होगी किसानों को खेती के लिए पानी उपलब्ध कराने की और तीसरी प्राथमिकता उद्योग जगत को पानी सप्लाई करने की."
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नीति आयोग में कृषि संकट से निपटने की रणनीति बनाने के लिए गठित मुख्यमंत्रियों की समिति की एक अहम बैठक के बाद गुजरात के मुख्यमंत्री ने यह बात कही.
बैठक के बाद मुख्यमंत्रियों की समिति के चेयरमैन और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा, "महाराष्ट्र में मानसून का डिपार्चर नार्मल से काफी है. मौसम विभाग ने कहा है कि 18 जुलाई और 25 जुलाई के आसपास मानसून की स्थिति बदलेगी. मुझे लगता है कि सिचुएशन इज़ होगा." महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने बताया कि अब तक राज्य में 59 फीसदी बुआई हो चुकी है. हालांकि उन्होंने माना कि मानसून के हालात को लेकर चिंता ज़रूर है.
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प्रधानमंत्री द्वारा गठित मुख्यमंत्रियों की समिति की बैठक में कृषि क्षेत्र में जारी संकट के कई पहलुओं पर चर्चा हुई, जैसे कि किस तरह किसानों को बेहतर मार्केट एक्सेस मिल सके, वे बैंकों से ज्यादा से ज्यादा क़र्ज़ ले सकें और कृषि क्षेत्र में किस तरह दर बढ़ाई जा सके.
VIDEO : मानसून में देरी से फसलों की बुआई प्रभावित
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