पीडीपी ने जम्मू-कश्मीर में नयी सरकार के गठन के लिए अपनी धुर विरोधी नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के साथ 'महागठबंधन' बनाकर सरकार गठन का विचार पेश किया है. जिसके बाद सत्ता की दावेदारी की कवायद में नया मोड़ आ गया है।
87 सदस्यीय राज्य विधानसभा में 28 सदस्यों वाली पीडीपी के भाजपा के साथ गलबहियां डालने की रिपोर्टों के बीच, 25 सदस्यों वाली इस पार्टी ने पहली बार नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के साथ गठबंधन के बारे में मुंह खोला है। ये दोनों ही पार्टियां पीडीपी को समर्थन की पेशकश कर चुकी हैं।
उधर, मुस्लिम बहुल राज्य में पहली बार सत्ता में आने के प्रयास कर रही भाजपा ने पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ वार्ता की थी।
पीडीपी के मुख्य प्रवक्ता नईम अख्तर के पीडीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के बीच महागठबंधन को भी एक 'विकल्प' बताने संबंधी बयान के बाद ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या यह भाजपा पर दबाव बनाने की रणनीति तो नहीं है, जिसके लिए पीडीपी ने कड़ी शर्तें लगा दी हैं। इन शर्तों में राज्य को विशेष दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 को बनाए रखना भी शामिल है।
इस बीच, चुनाव में भाजपा की प्रचार समिति के अध्यक्ष रहे विधायक निर्मल सिंह ने नई दिल्ली में आज रात कहा कि उनकी पार्टी अन्य दलों से बातचीत कर रही है और 'सभी विकल्प खुले हैं।'
इस बीच, पीपुल्स डेमोकेट्रिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती जम्मू कश्मीर में सरकार गठन के मुद्दे पर बुधवार को प्रदेश के राज्यपाल एन एन वोहरा से मुलाकात करेंगी।
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