ग्रामीण क्षेत्रों में 2.95 करोड़ आवास निर्माण को मंजूरी, अगले 3 साल में बनेंगे 1 करोड़ मकान

ग्रामीण क्षेत्रों में 2.95 करोड़ आवास निर्माण को मंजूरी, अगले 3 साल में बनेंगे 1 करोड़ मकान

केन्द्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

सरकार ने देश के ग्रामीण क्षेत्रों में 2.95 करोड़ आवासीय इकाइयों के निर्माण संबंधी प्रस्ताव को आज मंजूरी दी। यह कार्य सरकार की वर्ष 2022 तक सभी के लिये मकान उपलब्ध कराने की महत्वकांक्षी योजना के तहत किया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया जिसमें योजना के ग्रामीण हिस्से को अमल में लाने को मंजूरी दे दी गई।

प्रधानमंत्री आवास योजना - ग्रामीण के तहत पहले तीन साल के दौरान सरकार एक करोड़ आवास बनाने के लिये करीब 81,975 करोड़ रुपए खर्च करेगी। योजना के तहत सरकार मैदानी इलाकों में रहने वालों को आवास निर्माण के लिये 1.20 लाख रुपए प्रति आवास और पहाड़ी तथा कठिन इलाकों में रहने वालों को 1.30 लाख रुपए की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराएगी।

केन्द्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने इस फैसले को काफी महत्वपूर्ण निर्णय बताते हुए कहा कि बनाए जाने वाले मकानों की संख्या में कुल मिलाकर 10 प्रतिशत का अंतर हो सकता है।

इस योजना को देशभर में ग्रामीण क्षेत्रों में अमल में लाया जायेगा, हालांकि दिल्ली और चंडीगढ़ इसमें शामिल नहीं है। मकान पर आने वाली लागत को केन्द्र और राज्यों के बीच बांटा जाएगा।

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद प्रसाद ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘2016-17 और 2018-19 के बीच एक करोड़ मकान बनाने पर 81,975 करोड़ रुपए की जरूरत होगी। इसमें से 68,000 करोड़ रुपए बजट प्रावधान के जरिये उपलब्ध कराये जाएंगे।’’ उन्होंने कहा कि शेष 21,975 करोड़ रुपए की राशि राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के जरिये उधार लेकर पूरे किये जाएंगे। इसे 2022 के बाद बजटीय आवंटन के जरिये धीरे-धीरे निपटाया जायेगा।

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले साल जून में वर्ष 2022 तक सबके लिये आवास योजना शुरू करने को मंजूरी दी थी। इसके तहत झुग्गी झोपड़ी में रहने वालों के पुनर्वास और शहरी गरीबों के लिये सस्ते आवासों को प्रोत्साहन दिये जाने का कार्यक्रम है। योजना के तहत अगले सात साल के दौरान दो करोड़ आवास उपलब्ध कराये जाएंगे।

मंत्रिमंडल ने इस योजना के ग्रामीण हिस्से को मंजूरी दे दी। लाभार्थी की पहचान के लिये वर्ष 2011 के सामाजिक आर्थिक जातीय जनगणना (एसईसीसी) के आंकड़ों का इस्तेमाल किया जाएगा।

भारतीय जनता पार्टी के चुनाव घोषणापत्र 2014 में जनता को किया गया यह मुख्य वादा था। स्वतंत्रता के 75वीं वषर्गांठ पर प्रत्येक परिवार को ‘‘पक्का’’ मकान देने का वादा पार्टी ने किया था।

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)