रक्षा मंत्रालय ने नौसेना के लिए 111 हेलिकॉप्टर खरीदने की मंजूरी दे दी है. हेलिकॉप्टर डील पर लगभग 21 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे. अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने करीब 46,000 करोड़ रुपये के रक्षा खरीद सौदों को मंजूरी दी. इसमें हेलीकॉप्टर की खरीद भी शामिल है. रक्षा क्रय परिषद (डीएसी) की बैठक में यह फैसला किया गया. डीएसी रक्षा खरीद मामलों पर निर्णय लेने वाला मंत्रालय का शीर्ष निकाय है.
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VIDEO : रक्षा सौदे को मंजूरी, करीब 1600 करोड़ का सौदाThe Defence Acquisition Council (DAC) approved procurement for the Services amounting to approximately Rs. 46,000 crores. today. Out of the total amount, over Rs.21,000 crores will be used to procure 111 Utility Helicopters for the Navy. pic.twitter.com/vjnIO2MRpo
— ANI (@ANI) August 25, 2018
इन गन्स को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा डिजाइन और विकसित किया जाएगा. इसके साथ 14 वर्टिकल लांच होनेवाली शॉर्ट रेंज मिसाइल सिस्टम की खरीद को भी डीएसी की मंजूरी मिली है. इनमें से 10 सिस्टम भी स्वदेशी होंगे. मंत्रालय ने कहा, 'ये सिस्टम एंटी-शिप मिसाइलों के खिलाफ जहाजों की आत्मरक्षा क्षमता को बढ़ावा देंगे.'
रक्षा मंत्रालय ने कहा, 'डीएसी ने आज अपने ऐतिहासिक निर्णय में भारतीय नौसेना के लिए 21,000 करोड़ से अधिक की लागत से 111 बहुउद्देशीय हेलिकॉप्टर खरीदने को मंजूरी दे दी है.' इन हेलिकॉप्टरो का उपयोग युद्धक मिशन के साथ-साथ खोज और राहत अभियानों तथा निगरानी कार्य के लिए भी किया जाएगा. मंत्रालय ने कहा कि डीएसी ने 24,879.16 करोड़ रुपये के कुछ अन्य रक्षा खरीद प्रस्तावों को भी हरी झंडी दी है. इसमें थल सेना के लिये 150 पूरी तरह से स्वदेश में डिजाइन और विकसित 155 एमएम व्यास की नाल वाली उन्नत तोपों की खरीद का प्रस्ताव भी शामिल है. इसकी लागत करीब 3,364 करोड़ रुपये है.
यह तोप रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा पूरी तरह से भारत में डिजाइन और विकसित की गई है और डीआरडीओ द्वारा नामित उत्पादन एजेंसियों द्वारा इसे विनिर्माण किया जायेगा. डीएसी ने 24 नौसेना बहु भूमिका हेलीकॉप्टर (एनएमआरएच) खरीदने भी मंजूरी दी है. यह पनडुब्बी रोधी युद्ध में इस्तेमाल किए जा सकेंगे. एमआरएच का इस्तेमाल विमान वाहक पोतों, विध्वंसक जहाजों, और अग्रिम मोर्चे के युद्धपोतों के अभियान का एक अभिन्न हिस्सा होते हैं.
मंत्रालय ने इसके अलावा सरकार ने लंबवत उड़ान भरकर मार करने वाली कम दूरी की 14 छोटी मिसाइल प्रणालियों को भी खरदीने की भी अनुमति दी है. इनमें से 10 प्रणालियां पूरी तरह से देश में ही विकसित होंगी. पिछले वर्ष अगस्त में भारतीय नौसेने ने 111 लड़ाई और परिवहन दोनों प्रकार के काम में इस्तेमाल किए जा सकने वाले बहुउद्देशीय और 123 बहु भूमिका वाले हेलीकॉप्टर खरीद के लिए सूचना के लिए आवेदन पत्र जारी किया था.
(इनपुट : भाषा)
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