प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय कंपनियों के निदेशक मंडल के सदस्यों के पासपोर्ट की जानकारी प्राप्त करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है. एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार यह कदम आर्थिक धोखेबाजों को देश छोड़कर भागने से रोकने के प्रयासों का हिस्सा है. कॉरपोरेट मामलों के सचिव इंजेती श्रीनिवास ने कहा कि मंत्रालय कंपनियों के निदेशकों के पासपोर्ट की जानकारियां जमा करने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है. उन्होंने मंत्रालय के मार्च के ‘न्यूजलेटर’ में प्रकाशित संदेश में कहा कि डिजिटल तरीके से पासपोर्ट की जानकारियां रखने से घोटालेबाजों को देश छोड़कर भागने से रोकने और समय पर कार्रवाई करने में मदद मिलेगी.
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प्रस्ताव की ताजा स्थिति के बारे में पूछे गए सवाल का अभी सचिव ने कोई जवाब नहीं दिया है. मंत्रालय ने नियामकीय योग्यताओं पर खरा नहीं उतरने के कारण पिछले साल तीन लाख से अधिक लोगों को पंजीकृत कंपनियों का निदेशक बनने पर रोक लगा दी थी. मंत्रालय की बेवसाइट पर प्रकाशित ‘न्यूजलेटर’ के अनुसार , ऐसे कई मामले देखे गए हैं जिनमें आर्थिक अपराध करने वाले भारतीय अदालतों के न्यायाधिकार क्षेत्र से बाहर भाग गए. सरकार ने इस तरह के मामलों से निपटने के लिए पिछले महीने भगोड़ा आर्थिक अपराधी अध्यादेश 2018 लागू किया था. (इनपुट भाषा से)
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