अहमदाबाद:
विशेष अदालत ने गोधरा ट्रेन पर हमले के मामले में दोषी ठहराए गए 31 लोगों को दी जाने वाली सजा का ऐलान 1 मार्च तक के लिए टाल दिया। विशेष जज पीआर पटेल ने इस मामले में 94 आरोपियों में से 31 को दोषी ठहराया और बाकी 63 आरोपियों को बरी कर दिया था। इन 31 दोषियों में से 6 प्रमुख हैं। एक है अब्दुल रज्ज़ाक कुरकुर जिसके अमन गेस्ट हाउस में ट्रेन के कोच को जलाने की साज़िश रची गई। कुरकुर पर पेट्रोल पंप से पेट्रोल लाने और 3 साथियों को ए केबिन के पास डिस्क घुमाकर ट्रेन रोकने का आरोप है। हाजी बिलाल गोधरा नगर निगम का सदस्य था। उसे एस−6 कोच में लगी आग को बुझाने जा रहे दमकल कर्मियों को रोकने का दोषी पाया गया है। जाबिर बिन यामीन बेहरा 26 फरवरी को रची गई साजिश में शामिल था। इसने पेट्रोल से भरे डिब्बे रिक्शे पर लादे और ये पेट्रोल के साथ एस−6 कोच में भी घुसा। सलीम जर्दा भी 26 फरवरी को हुई बैठक में शामिल था। इसको भी पेट्रोल लाने का दोषी पाया गया है। इसने गवाही भी दी है। महबूब अहमद यूसुफ ट्रेन पर हमला करने के लिए लोगों को इकट्ठा करने के साथ-साथ रिक्शे पर पेट्रोल लादकर लाने का भी दोषी है। एस 6 और एस 7 के बीच वेस्टिब्यूल काट कर ट्रेन में भी घुसा। इरफान कलंदर पर पेट्रोल को ए केबिन तक ले जाने का आरोप है।
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