किसानों से पूछा - जानते हैं रिहाना और ग्रेटा को? तो जवाब मिला, ''नहीं भाई, हम न उन्हें जाने, न उनके ट्वीट...''

रिहाना और ग्रेटा थुर्नबर्ग की जिन प्रतिक्रियाओं पर विदेश मंत्रालय जवाब देने और सितारों को जुटाने में लग गया, उससे किसान अनजान और बेपरवाह हैं. हमारे संवाददाता ने जब किसानों से पूछा कि आप जानते हैं रिहाना और ग्रेटा को? तो उन्होंने ये जवाब दिया.

किसानों से पूछा - जानते हैं रिहाना और ग्रेटा को? तो जवाब मिला, ''नहीं भाई, हम न उन्हें जाने, न उनके ट्वीट...''

गाजीपुर बॉर्डर : बिना मिले ही वापस लौटे दस विपक्षी पार्टियों के सांसद - प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली:

रिहाना और ग्रेटा थुर्नबर्ग की जिन प्रतिक्रियाओं पर विदेश मंत्रालय जवाब देने और सितारों को जुटाने में लग गया, उससे किसान अनजान और बेपरवाह हैं. हमारे संवाददाता ने जब किसानों से पूछा कि आप जानते हैं रिहाना और ग्रेटा को? तो उन्होंने जवाब दिया, ''नहीं भाई न हमें उन्हें जाने न उनके ट्वीट को देखा है अगर कोई भी किसानों को समर्थन देता है तो उसका भी धन्यवाद और जिन्होंने विरोध किया उनका भी धन्यवाद.''

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एक और किसान से पूछा गया तो उन्होंने कहा, ''भाई, हम न जाने कौन है ग्रेटा और रिहाना. हम न ट्वीट को जानते हैं कि वो क्या है. किसी ने कुछ गलत लिखा है तो सरकार देखे.''

उधर, गाजीपुर बॉर्डर पर दस विपक्षी पार्टियों के सांसद बाड़बंदी के चलते किसानों से बिना मिले ही वापस लौटे. फिलहाल बाड़ाबंदी हटाने का सरकार का कोई इरादा नहीं है. गाजीपुर बार्डर पर कीलें भी एक जगह से हटा कर दूसरी जगह लगाई जा रही हैं.

विपक्षी पार्टियों के सांसद बस से गाजीपुर बार्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों से मिलने पहुंचे. पुलिस के पहले राउंड के बैरिकेड के अंदर तो पहुंच गए लेकिन कंटीले तारों और पुलिस बेरीकेड की 13 लेयर की सुरक्षा वो नहीं भेद पाए. एक तरफ किसान दूसरी तरफ सांसद और बीच में कंटीले तार और कील लगी फेंसिंग. आखिरकार सुप्रिया सुले, हरसिमरत कौर समेत सभी सांसदों को बैरंग वापस लौटना पड़ा.

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अकाली दल की  सांसद हरसिमरत कौर ने कहा, ''हम तो सरकार से यही अपील कर सकते हैं कि ये अपने लोग इनसे बात करें. कानून क्यों नहीं रद्द हो सकता है इनसे बात करके और बेहतर कानून बनाए.'' सांसदों के जाने के बाद हम किसानों की ओर पहुंचे तो पता चला कि यहां कि कील को पुलिस उखाड़कर कहीं दूसरी तरफ लगा रही है.

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सुबह हुई हल्की बारिश से ठंड बढ़ी है लेकिन गाजीपुर बार्डर पर किसानों के उत्साह की गर्मी बनी हुई है. पंचायतों में उमड़ी भीड़ और समर्थन देखकर राकेश टिकैत अब ज्यादा सरकार पर हमलावर हो गए हैं. फिलहाल सरकार किसानों के साथ बातचीत न करके ट्विटर पर विदेशियों को जवाब देने में ज्यादा मशरुफ दिख रही है.