विज्ञापन
This Article is From Aug 19, 2016

वाराणसी में गंगा ने खतरे के निशान को किया पार, अलर्ट जारी

वाराणसी में गंगा ने खतरे के निशान को किया पार, अलर्ट जारी
फाइल फोटो
वाराणसी: वाराणसी में गंगा खतरे के निशान को पार कर गई है जिसकी वजह से अब पानी घाट के ऊपर आने को बेताब है. हालांकि अभी भी 1978 की बाढ़ से तक़रीबन 8 फीट नीचे है. 1978 में गंगा का जलस्तर 73.90 मीटर पर था. रात 1 बजे गंगा 71.35 मीटर तक पहुच गई. इससे वरुणा में भी उफान आ गया, लिहाजा वरुणा के तराई में बसे 10 हज़ार परिवार प्राभावित हुए हैं.

मणिकर्णिका घाट और हरिश्चन्द्र घाट डूबे
मणिकर्णिका घाट और हरिश्चन्द्र घाट डूबने की वजह से शवों का दाह-संस्कार ऊपर गलियों में हो रहा है. गंगा आरती छतों पर हो रही है. केंद्रीय जल आयोग की मानें तो पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बारिश की वजह से जल में बढ़ोत्तरी जारी रहेगी. यही वजह है कि गंगा 3 से 4 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से बढ़ रही है. गंगा के इसी रफ़्तार से बढ़ने पर आने वालों दिनों में ख़तरा बढ़ सकता है.  

पूर्वांचल में भी दिख रहा है बढ़ाव का असर
गंगा के इस बढ़ाव का असर पूर्वांचल में भी दिख रहा है.बलिया में हाई फ्लड लेबल तक पहुंचने के किये गंगा आतुर है तो गाज़ीपुर में पहले ही गंगा खतरे के निशान को पार कर चुकी है. जौनपुर में गोमती प्रतिदिन 2 फुट की रफ़्तार से बढ़ रही है. मिर्ज़ापुर में गंगा 3 सेंटी मीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से बढ़ रही है. बलिया और गाजीपुर के सैकड़ों गांव बाढ़ की चपेट में हैं. तटीय क्षेत्रों में कटान का खतरा बढ़ गया है. 

गंगा में जलस्तर बढ़ने का प्रमुख कारण मध्यप्रदेश की नदियों केन, बेतवा और चंबल है. चित्रकूट, बांदा और हमीरपुर के रास्ते यमुना में आ रहा केन, बेतवा और चंबल का पानी यमुना को रिचार्ज करते हुए गंगा में मिल रहा है. यमुना का पानी नानी में आकर गंगा में मिल रहा है. इसके चलते गंगा के जलस्तर में बढ़ोत्तरी जारी रह सकती है. 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
गंगा में बाढ़, अस्सी घाट, गाजीपुर, बलिया, Flood On Ganga River, Varanasi, Central Water Commission
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com