नई दिल्ली:
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि कर्नाटक में पार्टी के मंत्रियों द्वारा विधानसभा भवन में अश्लील वीडियो देखना दुर्भाग्यपूर्ण है। लेकिन इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर पार्टी ने तत्काल कार्रवाई की है। उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में संवाददाताओं के साथ बातचीत में गडकरी ने कहा कि इस मामले की जांच की जाएगी। उन्होंने कहा, "सबसे पहले, उन्होंने कहा कि वे निर्दोष हैं, हमने कहा कि तुरंत इस्तीफा दीजिए और इस मामले की जांच होगी। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।"
गडकरी ने कहा कि पार्टी ने नैतिकता का उच्च आदर्श अपनाया है। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री डी.वी. सदानंदगौड़ा से बात की और उनसे कहा कि इस मामले में तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए। गडकरी ने कहा कि यह समाज में आई गिरावट से सम्बंधित मुद्दा है। उन्होंने कहा, "हर क्षेत्र में गिरावट आई है, चाहे वह मीडिया हो, प्रशासन हो, या समाज। यह चिंता का एक विषय है।"
ज्ञात हो कि इस मामले से सम्बंधित कर्नाटक के भाजपा मंत्रियों ने बुधवार को इस्तीफा दे दिया। राज्यपाल ने उनके इस्तीफे मंजूर भी कर लिए हैं। लेकिन विपक्ष, विधानसभा से उनके निष्कासन की मांग कर रहा है। तीनों को एक दिन पहले ही विधानसभा में मोबाइल फोन पर अश्लील वीडियो देखते हुए कैमरे में कैद कर लिया गया था। इन तीनों मंत्रियों में लक्ष्मण सवादी, सीसी पाटील और जे कृष्णा पालेमार शामिल हैं। तीनों ने दावा किया है कि उन्होंने कोई गलती नहीं की है और मामले की जांच उन्हें निर्दोष साबित कर देगी। इस बीच पार्टी प्रवक्ता निर्मला सीतारमन ने इस मामले में नैतिकता की दुहाई देने के लिए कांग्रेस की आलोचना की और कहा कि कांग्रेस नेता एनडी तिवारी को उस समय यौनाचार मामले में कैद किया गया था, जब वह आंध्र प्रदेश के राज्यपाल थे। सीतारमन ने एक समाचार चैनल से कहा, "कांग्रेस को राजभवन के दुरुपयोग के बारे में पहले सफाई देनी होगी, आखिर वह नैतिकता का रखवाला कैसे बन सकती है।"
सीतारमन ने कहा, "मंत्रियों ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है और उपयुक्त अधिकारी द्वारा इस मामले की जांच होगी। इस मामले में किसी को नैतिक पुलिस नहीं बनना चाहिए। समाज में जो कुछ हो रहा है, उसके लिए हम सब जिम्मेदार हैं।"
गडकरी ने कहा कि पार्टी ने नैतिकता का उच्च आदर्श अपनाया है। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री डी.वी. सदानंदगौड़ा से बात की और उनसे कहा कि इस मामले में तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए। गडकरी ने कहा कि यह समाज में आई गिरावट से सम्बंधित मुद्दा है। उन्होंने कहा, "हर क्षेत्र में गिरावट आई है, चाहे वह मीडिया हो, प्रशासन हो, या समाज। यह चिंता का एक विषय है।"
ज्ञात हो कि इस मामले से सम्बंधित कर्नाटक के भाजपा मंत्रियों ने बुधवार को इस्तीफा दे दिया। राज्यपाल ने उनके इस्तीफे मंजूर भी कर लिए हैं। लेकिन विपक्ष, विधानसभा से उनके निष्कासन की मांग कर रहा है। तीनों को एक दिन पहले ही विधानसभा में मोबाइल फोन पर अश्लील वीडियो देखते हुए कैमरे में कैद कर लिया गया था। इन तीनों मंत्रियों में लक्ष्मण सवादी, सीसी पाटील और जे कृष्णा पालेमार शामिल हैं। तीनों ने दावा किया है कि उन्होंने कोई गलती नहीं की है और मामले की जांच उन्हें निर्दोष साबित कर देगी। इस बीच पार्टी प्रवक्ता निर्मला सीतारमन ने इस मामले में नैतिकता की दुहाई देने के लिए कांग्रेस की आलोचना की और कहा कि कांग्रेस नेता एनडी तिवारी को उस समय यौनाचार मामले में कैद किया गया था, जब वह आंध्र प्रदेश के राज्यपाल थे। सीतारमन ने एक समाचार चैनल से कहा, "कांग्रेस को राजभवन के दुरुपयोग के बारे में पहले सफाई देनी होगी, आखिर वह नैतिकता का रखवाला कैसे बन सकती है।"
सीतारमन ने कहा, "मंत्रियों ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है और उपयुक्त अधिकारी द्वारा इस मामले की जांच होगी। इस मामले में किसी को नैतिक पुलिस नहीं बनना चाहिए। समाज में जो कुछ हो रहा है, उसके लिए हम सब जिम्मेदार हैं।"
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