'पद्मावती' से 'पद्मावत' तक! जानें शुरू से लेकर अब तक का पूरी TIMELNE
जनवरी, 2017: जयपुर के जयगढ़ फ़ोर्ट में फ़िल्म की शूटिंग के दौरान करणी सेना ने की थी सेट पर तोड़फोड़. संजय लीला भंसाली के साथ बदसलूकी की तस्वीरें सामने आईं थीं. रणवीर के अलाउद्दीन खिलजी किरदार और दीपिका के रानी पद्मावती किरदार के बीच ड्रीम सीक्वेंस फ़िल्माए जाने की ख़बर पर ये हंगामा मचा था.
मार्च, 2017 : राजस्थान में मचे हंगामे के बाद संजय लीला भंसाली ने महाराष्ट्र के कोल्हापुर में सेट लगाया लेकिन यहां भी हंगामा मचा और भंसाली प्रोडक्शन्स ने ऑनलाइन ख़त पोस्ट करते हुए साफ़ किया कि फ़िल्म में दीपिका और रणवीर के बीच कोई रोमांटिक ड्रीम सीक्वेंस नहीं है.
अप्रैल-अगस्त, 2017 : फ़िल्म को लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी और कई बॉलीवुड सितारे फ़िल्म और भंसाली के समर्थन में सामने आए.
Movie Review Film Padmaavat: जानें क्यों देखनी चाहिए संजय लीला भंसाली की 'पद्मावत'
सितंबर-अक्टूबर 2017 : फ़िल्म के पोस्टर्स, ट्रेलर और घूमर गाना सामने आते ही करणी सेना का ज़ोरदार विरोध शुरू हुआ. सूरत के एक आर्टिस्ट ने फ़िल्म के पोस्टर की रंगोली एक मॉल में बनाई जिसे 48 घंटे के भीतर ख़राब कर दिया गया. दीपिका ने इसकी भडास सोशल मीडिया पर निकाली.
दीपिका की नाक काटने वाले को मिलेगा करोड़ों रुपए इनाम, जानिए किसने किया ये ऐलान
नवंबर, 2017: नवंबर में विरोध ने बड़ा रूप लिया. इतिहास से छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए करणी सेना समेत राजपूत संगठनों ने फ़िल्म के खिलाफ़ विरोध तेज़ किया. दीपिका के नाक काटने की धमकी से लेकर भंसाली को जानलेवा धमकियां दी गईं और इसके लिए इनाम राशि की भी घोषणा हुई. टीम की सुरक्षा बढ़ाई गई. राजस्थान का चित्तौड़गढ़ विरोध प्रदर्शन का मुख्य केंद्र बना नजर आया. स्टारकास्ट,संजय लीला भंसाली समेत फ़िल्म का समर्थन करने वाले बॉलीवुड स्टार सलमान ख़ान के पुतले फूंके गए. कई स्कूल-कॉलेज बंद हुए. विरोध करने वालों में सत्ता में बैठी बीजेपी के अलावा रॉयल परिवार के सदस्य भी शामिल हुए. गुजरात चुनाव से पहले गुजरात में, राजस्थान, मध्यप्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार में बैन हुई. विरोध देखते हुए फ़िल्म इंडस्ट्री से जुड़े पांच एसोसिएशन्स फ़िल्म के समर्थन में सामने आए, 15 मिनट तक शूटिंग रोकी और ब्लैकआउट प्रदर्शन किया. मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा लेकिन कोर्ट ने सीबीएफ़सी को फ़िल्म पर फ़ैसला करने कहा. पद्मावत जैसे ही चुनिंदा मीडियाकर्मियों को दिखाई गई सीबीएफ़सी का ग़ुस्सा फूट पड़ा, सवाल पूछे कि बना सर्टिफ़िकेशन फ़िल्म इन्हें कैसे दिखाई गई? फ़िल्म के निर्माताओं पर प्रसून जोशी ने आरोप लगाए कि समय पर फ़िल्म को सर्टिफ़िकेशन के लिए सीबीएफ़सी के पास नहीं भेजा गया. फ़िल्म सीबीएफ़सी भेजी गई लेकिन बोर्ड ने ये कहते हुए लौटाया कि डिस्क्लेमर जोड़कर बताएं कि फ़िल्म इतिहास कहती है या काल्पनिक है. 1 दिसंबर को रिलीज़ होने वाली इस फ़िल्म के निर्माताओं को फ़िल्म की रिलीज़ टालनी पड़ी. संजय लीला भंसाली के अलावा प्रसून जोशी की लोकसभा की याचिका समिति के सामने पेशी हुई जिन्होंने इस फ़िल्म से जुड़े विवाद पर अपनी बात रखी.
इन 5 बातों से टूट जाएंगे 'पद्मावत' विरोधियों के दिल, राजपूत भी हो जाएंगे संजय लीला भंसाली के फैन
दिसंबर, 2017: फ़िल्म के रिव्यू के लिए एक कमेटी बनी जिसमें इतिहासकारों के साथ साथ पूर्व राजघराने के सदस्य शामिल रहे. तैयारी थी कि 9 लोगों की टीम बने पर एक-एक कर सदस्य कम होते गए. वजह बने कुछ सवाल जिसे सदस्यों ने सीबीएफ़सी चेयरमैन प्रसून जोशी से पूछे थे और आरोप लगे कि उन्हें सीबीएफ़सी की ओर से ना जवाब मिले ना ही उचित आश्वासन. आख़िर में रिव्यू कमेटी के 3 सदस्यों, रॉयल अरविंद सिंह, इतिहासकार चंद्रमणि सिंह और इतिहासकार केके सिंह ने मुंबई में फ़िल्म देखी और इनकी आपत्तियों के आधार पर फ़िल्म में पांच बदलाव सुझाए गए जिसे निर्माता ने मान लिया. इन बदलावों में शामिल रहा, टाइटल का पद्मावती से पद्मावत होना, घूमर गाने के साथ-साथ सती प्रथा को बढ़ावा देते सीन्स में बदलाव, ऐतिहासिक जगहों को म्यूट करना, और दो डिस्क्लेमर, जिनमें ये साफ़ हो कि फ़िल्म सूफ़ी कवि मलिक मोहम्मद जायसी की रचना 'पद्मावत' पर आधारित है.
VIDEO - ‘पद्मावत’ पर फसाद जारी, तीन राज्यों में हिंसक घटनाएं
जनवरी, 2018: पद्मावत में 300 कट की ख़बरों से हंगामा मचा हालांकि सीबीएफ़सी और निर्माताओं ने इससे इनकार किया. फ़िल्म की रिलीज़ की तारीख़ 25 जनवरी तय होते ही अक्षय की पैडमैन से लेकर सिद्धार्थ मल्होत्रा की अय्यारी जैसी फ़िल्मों की रिलीज़ की तारीख़ बदलनी पड़ी. अक्षय कुमार के साथ संजय लीला भंसाली की प्रेस कांफ्रेंस हुई. रिलीज़ डेट सामने आते ही राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, हरियाणा में फ़िल्म दोबारा बैन हुई जिसे सुप्रीम कोर्ट ने हटा दिया. राजस्थान,मध्यप्रदेश सरकारें कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए फिर कोर्ट पहुंची पर सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया. सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी के बाद राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, बिहार से हिंसक विरोध की तस्वीरें लगातार सामने आ रही हैं.
मार्च, 2017 : राजस्थान में मचे हंगामे के बाद संजय लीला भंसाली ने महाराष्ट्र के कोल्हापुर में सेट लगाया लेकिन यहां भी हंगामा मचा और भंसाली प्रोडक्शन्स ने ऑनलाइन ख़त पोस्ट करते हुए साफ़ किया कि फ़िल्म में दीपिका और रणवीर के बीच कोई रोमांटिक ड्रीम सीक्वेंस नहीं है.
अप्रैल-अगस्त, 2017 : फ़िल्म को लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी और कई बॉलीवुड सितारे फ़िल्म और भंसाली के समर्थन में सामने आए.
Movie Review Film Padmaavat: जानें क्यों देखनी चाहिए संजय लीला भंसाली की 'पद्मावत'
सितंबर-अक्टूबर 2017 : फ़िल्म के पोस्टर्स, ट्रेलर और घूमर गाना सामने आते ही करणी सेना का ज़ोरदार विरोध शुरू हुआ. सूरत के एक आर्टिस्ट ने फ़िल्म के पोस्टर की रंगोली एक मॉल में बनाई जिसे 48 घंटे के भीतर ख़राब कर दिया गया. दीपिका ने इसकी भडास सोशल मीडिया पर निकाली.
दीपिका की नाक काटने वाले को मिलेगा करोड़ों रुपए इनाम, जानिए किसने किया ये ऐलान
नवंबर, 2017: नवंबर में विरोध ने बड़ा रूप लिया. इतिहास से छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए करणी सेना समेत राजपूत संगठनों ने फ़िल्म के खिलाफ़ विरोध तेज़ किया. दीपिका के नाक काटने की धमकी से लेकर भंसाली को जानलेवा धमकियां दी गईं और इसके लिए इनाम राशि की भी घोषणा हुई. टीम की सुरक्षा बढ़ाई गई. राजस्थान का चित्तौड़गढ़ विरोध प्रदर्शन का मुख्य केंद्र बना नजर आया. स्टारकास्ट,संजय लीला भंसाली समेत फ़िल्म का समर्थन करने वाले बॉलीवुड स्टार सलमान ख़ान के पुतले फूंके गए. कई स्कूल-कॉलेज बंद हुए. विरोध करने वालों में सत्ता में बैठी बीजेपी के अलावा रॉयल परिवार के सदस्य भी शामिल हुए. गुजरात चुनाव से पहले गुजरात में, राजस्थान, मध्यप्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार में बैन हुई. विरोध देखते हुए फ़िल्म इंडस्ट्री से जुड़े पांच एसोसिएशन्स फ़िल्म के समर्थन में सामने आए, 15 मिनट तक शूटिंग रोकी और ब्लैकआउट प्रदर्शन किया. मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा लेकिन कोर्ट ने सीबीएफ़सी को फ़िल्म पर फ़ैसला करने कहा. पद्मावत जैसे ही चुनिंदा मीडियाकर्मियों को दिखाई गई सीबीएफ़सी का ग़ुस्सा फूट पड़ा, सवाल पूछे कि बना सर्टिफ़िकेशन फ़िल्म इन्हें कैसे दिखाई गई? फ़िल्म के निर्माताओं पर प्रसून जोशी ने आरोप लगाए कि समय पर फ़िल्म को सर्टिफ़िकेशन के लिए सीबीएफ़सी के पास नहीं भेजा गया. फ़िल्म सीबीएफ़सी भेजी गई लेकिन बोर्ड ने ये कहते हुए लौटाया कि डिस्क्लेमर जोड़कर बताएं कि फ़िल्म इतिहास कहती है या काल्पनिक है. 1 दिसंबर को रिलीज़ होने वाली इस फ़िल्म के निर्माताओं को फ़िल्म की रिलीज़ टालनी पड़ी. संजय लीला भंसाली के अलावा प्रसून जोशी की लोकसभा की याचिका समिति के सामने पेशी हुई जिन्होंने इस फ़िल्म से जुड़े विवाद पर अपनी बात रखी.
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दिसंबर, 2017: फ़िल्म के रिव्यू के लिए एक कमेटी बनी जिसमें इतिहासकारों के साथ साथ पूर्व राजघराने के सदस्य शामिल रहे. तैयारी थी कि 9 लोगों की टीम बने पर एक-एक कर सदस्य कम होते गए. वजह बने कुछ सवाल जिसे सदस्यों ने सीबीएफ़सी चेयरमैन प्रसून जोशी से पूछे थे और आरोप लगे कि उन्हें सीबीएफ़सी की ओर से ना जवाब मिले ना ही उचित आश्वासन. आख़िर में रिव्यू कमेटी के 3 सदस्यों, रॉयल अरविंद सिंह, इतिहासकार चंद्रमणि सिंह और इतिहासकार केके सिंह ने मुंबई में फ़िल्म देखी और इनकी आपत्तियों के आधार पर फ़िल्म में पांच बदलाव सुझाए गए जिसे निर्माता ने मान लिया. इन बदलावों में शामिल रहा, टाइटल का पद्मावती से पद्मावत होना, घूमर गाने के साथ-साथ सती प्रथा को बढ़ावा देते सीन्स में बदलाव, ऐतिहासिक जगहों को म्यूट करना, और दो डिस्क्लेमर, जिनमें ये साफ़ हो कि फ़िल्म सूफ़ी कवि मलिक मोहम्मद जायसी की रचना 'पद्मावत' पर आधारित है.
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जनवरी, 2018: पद्मावत में 300 कट की ख़बरों से हंगामा मचा हालांकि सीबीएफ़सी और निर्माताओं ने इससे इनकार किया. फ़िल्म की रिलीज़ की तारीख़ 25 जनवरी तय होते ही अक्षय की पैडमैन से लेकर सिद्धार्थ मल्होत्रा की अय्यारी जैसी फ़िल्मों की रिलीज़ की तारीख़ बदलनी पड़ी. अक्षय कुमार के साथ संजय लीला भंसाली की प्रेस कांफ्रेंस हुई. रिलीज़ डेट सामने आते ही राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, हरियाणा में फ़िल्म दोबारा बैन हुई जिसे सुप्रीम कोर्ट ने हटा दिया. राजस्थान,मध्यप्रदेश सरकारें कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए फिर कोर्ट पहुंची पर सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया. सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी के बाद राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, बिहार से हिंसक विरोध की तस्वीरें लगातार सामने आ रही हैं.
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