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This Article is From Nov 20, 2015

चार मुद्दों पर सातवें वेतन आयोग में 'मतभेद' रहे, इसमें IAS-IFS की श्रेष्ठता का मुद्दा भी है

चार मुद्दों पर सातवें वेतन आयोग में 'मतभेद' रहे, इसमें IAS-IFS की श्रेष्ठता का मुद्दा भी है
नई दिल्ली: सातवें वेतन आयोग में आईएएस और आईएफएस की आईपीएस जैसी अन्य सेवाओं से श्रेष्ठता के मुद्दे पर 'मतभेद' रहे। पूर्व सचिव विवेक राय की समानता पर चेयरमैन की सिफारिश पर अलग राय रही। सातवें वेतन आयोग की 900 पृष्ठ की रिपोर्ट में उन चार बिंदुओं का भी उल्लेख किया गया है जिसमें आयोग के सदस्यों के विचार भिन्न रहे।

आयोग के चेयरमैन न्यायमूर्ति ए के माथुर के अलावा इसके सदस्यों में 1978 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी विवेक राय और अर्थशास्त्री रथित रे शामिल हैं। मीना आयोग की सदस्य हैं।

आयोग में आईएएस तथा आईएफएस को मिले 'लाभ' के मुद्दे पर सहमति नहीं दिखी। राय का मानना था कि वित्तीय लाभ सिर्फ आईएएस और आईएफएस को देना ही उचित है। वहीं रथिन रे का कहना था कि आईएएस और आईएफएस को मिलने वाली 'वित्तीय बढ़त' को समाप्त किया जाना चाहिए।

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