अमेरिका में निर्मित अधिक वजन उठाने में सक्षम चार ‘चिनूक' हेलीकॉप्टरों को सोमवार को भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया. हेलीकॉप्टरों को विमान बेड़े में शामिल करने के बाद, वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने कहा कि ‘चिनूक' को शामिल करना उसी तरह से ‘पासा पलटने वाला' साबित होगा जैसा कि लड़ाकू विमानों के बेड़े में राफेल के आने के बाद होने वाला है. एक समारोह में शुरुआत चार ‘15 सीएच-47एफ(आई)' चिनूक हेलीकॉप्टरों को वायुसेना की 126 हेलीकॉप्टर इकाई में शामिल किया गया. सितंबर 2015 में बोइंग कंपनी को इन हेलीकॉप्टरों के निर्माण का ऑर्डर दिया गया था. दो इंजन और टैंडेम रोटर वाले ‘चिनूक' हेलीकॉप्टर सैनिकों, विस्फोटक सामग्री, हथियार और ईंधन लाने ले जाने में सक्षम हैं ये हेलीकॉप्टर न केवल दिन में बल्कि रात में भी सैन्य अभियान चला सकते हैं.
भारतीय वायुसेना की ताकत में हुआ इजाफा, बोइंग ने सौंप चार चिनकू हेलीकॉप्टर
बीएस धनोआ ने कहा, ‘हमारे देश के समक्ष सुरक्षा संबंधी कई चुनौतियां हैं, हमें विभिन्न क्षेत्रों में अधिक भार क्षमता की जरूरत है'. उन्होंने कहा, ‘‘वायुसेना समुद्र स्तर से लेकर बहुत अधिक ऊंचे लैंडिंग ग्राउंड वाले सैन्य अड्डों से संचालित होती है. ये हेलीकॉप्टर ऊंचे स्थलों तक सामान ले जाने की क्षमता के संदर्भ में वायुसेना को बड़ी मदद देंगे. यह हेलीकॉप्टर अपनी श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ में से एक है''. हर मौसम में उड़ान की क्षमता के कारण यह हेलीकॉप्टर मानवीय एवं आपदा राहत अभियानों तथा राहत आपूर्ति लाने ले जाने एवं बड़े स्तर पर शरणार्थियों के विस्थापन जैसे मिशनों में इस्तेमाल हो सकता है. इस मौके पर एयर ऑफीसर कमांडिंग इन चीफ पश्चिमी वायु कमान एयर मार्शल आर नाम्बियर, अमेरिका के मेजर जनरल रोबिन फ्रंटीस, बोइंग इंडिया के प्रमुख सलिल गुप्ते तथा हरियाणा के पुलिस महानिदेशक मनोज यादव सहित अन्य मौजूद थे.
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