सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश पिनाकी चंद्र घोष (पीसी घोष) भारत के पहले लोकपाल बनेंगे. यह जानकारी सूत्रों ने दी है. जस्टिस पीसी घोष ने ही शशिकला और अन्य को भ्रष्टाचार के मामले में दोषी ठहराया था. जस्टिस पीसी घोष के अलावा इस लोकपाल में न्यायपालिका से हाईकोर्ट के 4 पूर्व न्यायधीश, चार आईएएस और आईपीएस व अन्य सेवाओं के रिटायर अधिकारी शामिल होंगे.
जानकारी के मुताबिक लोकपाल चयन समिति की बैठक में उनका नाम फाइनल किया गया जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी शामिल थे. इस समिति में कांग्रेस के सीनियर लीडर मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम भी शामिल था लेकिन उन्होंने मीटिंग में हिस्सा नहीं लिया था.
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पुडुचेरी की ले. गवर्नर किरण बेदी ने लोकपाल की नियुक्ति पर खुशी जाहिर करते हुए अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा है कि लोकपाल की घोषणा के बारे में जानकार बहुत खुशी हुई. यह देश की सभी भ्रष्टाचार विरोधी प्रणालियों को मज़बूत करेगा और सभी स्तरों पर सतर्कता के काम को बढ़ावा देगा. किरण बेदी ने इसके लिए अन्ना हजारे का भी धन्यवाद किया है. बता दें, अन्ना हजारे ने देश में लोकपाल के लिए बड़ा आंदोलन खड़ा किया था.
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जस्टिस पीसी घोष का पूरा नाम पिनाकी चंद्र घोष है. वह मई 2017 में सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए थे. इससे पहले वह कोलकाता और आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं. सुप्रीम कोर्ट से रिटायर होने के बाद वह जून 2017 से मानवाधिकार आयोग के सदस्य हैं.
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