बालाकोट एयरस्ट्राइक के एक साल पूरा होने के मौके पर NDTV से खास बातचीत के दौरान वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने कहा कि तस्वीरों और सबूतों की बात छोड़िये, पाकिस्तान को पता है कि उस हमले में क्या हुआ था. गौरतलब है कि बालाकोट हमले के तुरंत बाद तस्वीरों और वीडियो की मांग उठी थी, लेकिन सरकार अब तक स्पष्ट सबूत पेश नहीं कर पाई है. उसी के संबंध में वायुसेना प्रमुख ने यह बात कही.
पिछले साल वायुसेना ने इजराइली स्पाइस 2000 सैटेलाइट गाइडेड बम का इस्तेमाल करके हमले के दौरान आतंकियों के ठिकानों को निशाना बनाया था. इसके बाद एक तरह से इनफॉर्मेशन वार शुरू हो गई थी, जिसके कारण फोटो और वीडियो और ज्यादा महत्वपूर्ण हो गए थे. ऐसा नहीं है कि भारतीय वायुसेना 26 फरवरी, 2019 को हमले की 'इमेजरी' जारी करने की योजना के बिना ही मिशन पर चली गई थी.
बालाकोट एयरस्ट्राइक का एक साल : वायुसेना प्रमुख उड़ाएंगे मिग-21 लड़ाकू विमान
वायुसेना प्रमुख ने कहा कि हमें युद्ध में हुई क्षति का आकलन करने के लिए अपनी क्षमता पर भरोसा करने की जरूरत है. वायुसेना प्रमुख ने कहा कि ऐसा नहीं है कि भारतीय वायु सेना हमले की इमेजरी जारी करने को लेकर बिना किसी योजना के एयर स्ट्राइक करने गई थी.
ऐसा इसलिए नहीं किया जा सका क्योंकि वायुसेना के मिराज 2000 लड़ाकू विमान 6 क्रिस्टल मेज मिसाइल लॉन्च नहीं किए जा सके थे. इनकी मदद से ही हमले की वीडियो प्राप्त होनी थी. उस दिन बादलों की स्थिति के चलते ये मिसाइल नहीं लॉन्च की गई थी. इसलिए सिर्फ स्पाइस 2000 के जरिए ही हमला किया गया था जो कि वीडियो फीड नहीं देते हैं.
वायु सेना प्रमुख ने कहा कि अगर अगले दिन हमें सेटेलाइट से तस्वीरें मिल जाती तो हम शायद अपनी बात को कह पाने में बेहतर स्थिति में होते पर अगले दिन भी मौसम साफ नहीं था. पर हमारे लिए तस्वीरों और वीडियो से ज्यादा अहम वो था जो हमें हमले से हासिल हुआ.
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