गुरुवार को जब गुवाहाटी शहर के बीचों-बीच सूमो पकड़ी गई तो उसमें मिले बारूद के ज़खीरे से हड़कंप मच गया। शहर में तभी से रेड अलर्ट है। यहां कई आतंकवादी गुट हैं और जब भी कोई वीआईपी आने वाला होता है, ये सक्रिय हो जाते हैं, यह जानकारी डीजीपी असम खोगेन सरमा ने एनडीटीवी को दी।
अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुवाहाटी आने वाले हैं, इसीलिए पूरे शहर में रेड अलर्ट है। दरअसल प्रधानमंत्री चाहते थे कि यह बैठक उसी जगह हो, जहां सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हों और सभी लिहाज़ से गुवाहाटी फिट बैठ रहा था।
सूत्रों पर यकीन करें तो हाल के दिनों में गुवाहाटी और उसके आसपास के इलाके तथाकथित जेहादियों के गढ़ बन गए हैं। गुवाहाटी से महज 150 किलोमीटर दूर, बारपेटा में बर्द्धवान के मुख्य आरोपी शाह नूर आलम का गढ़ है। एनआईए की टीम ने यहां छापे भी मारे। अब तक नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय असम में बढ़ती नजर आ रही कट्टरता और नस्ली झड़पों से भी चिंतित है। शनिवार से यहां पूर्वोत्तर के मुख्यमंत्रियों और देशभर के पुलिस महानिदेशकों (डीजीपी) सहित सुरक्षा जानकारों की दो-दिवसीय बैठक है, जिसमें इन इलाकों में बढ़ती नस्ली झड़पों के अलावा बांग्लादेश और म्यांमार से हो रही घुसपैठ का मुद्दा भी अहम होगा।
दरअसल बांग्लादेश और भारत की सीमा पर बीएसएफ तैनात है, लेकिन इसके बाबजूद घुसपैठ रोकी नहीं जा रही और जहां तक म्यांमार की भारत के साथ सीमा की बात है, वहां घुसपैठ के नाम पर कोई फोर्स तैनात ही नहीं है। जो असम राइफल वहां तैनात है, वह काउंटर-इन्सर्जेन्सी के लिए लगाई गई है। इन्हीं जैसे कई मसले हैं, जो देश की सुरक्षा के लिए अहम हैं, और जिन पर जल्द से जल्द सोचने की जरूरत है।
क्यूंकि पूर्वोत्तर देश का वह दूसरा हिस्सा है, जहां अनदेखी और सौतेलेपन का एहसास बहुत गहरा है। प्रधानमंत्री को इस पर भी ध्यान देना होगा - तभी सुरक्षा और शांति में लोगों की भागीदारी भी बढ़ेगी।
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