तंजावुर की एक अदालत ने तमिलनाडु के एक स्कूल में 10 साल पहले हुए एक अग्निकांड के मामले में 10 व्यक्तियों को बुधवार को दोषी करार दिया, जबकि 11 को बरी कर दिया।
तमिलनाडु में तंजावुर जिले के कुंबकोणम स्थित श्री कृष्णा मिडिल स्कूल में 16 जुलाई, 2004 को आग लगने की घटना में 94 बच्चों की मौत हो गई थी और 18 बच्चे बुरी तरह घायल हो गए थे।
घटना के 10 साल बाद न्यायालय ने बुधवार को यह फैसला सुनाया। दोषी करार दिए गए लोगों में स्कूल प्रबंधन के सदस्य भी शामिल हैं।
एक अभिभावक ने न्यायालय के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, हम 10 सालों से फैसले का इंतजार कर रहे हैं। हमें उम्मीद थी कि सभी 21 आरोपियों को न्यायालय सजा देगा।
एक दशक पहले हुए हादसे में स्कूल भवन के प्रथम तल पर बने रसोईघर में आग लगी थी और देखते ही देखते पूरे स्कूल भवन को अपनी चपेट में ले लिया था। घटना के समय स्कूल में लगभग 200 विद्यार्थी मौजूद थे।
गौरतलब है कि उसी परिसर में दूसरे स्कूल भी थे। हादसे के शिकार श्री कृष्णा मिडिल स्कूल सहित श्री कृष्णा एडेड प्राइवेट स्कूल, सरस्वती नर्सरी एंड प्राइमरी स्कूल और श्री कृष्णा गर्ल्स हाई स्कूल एक ही स्कूल परिसर साझा करते थे।
दुर्घटना के समय स्कूल भवन के दरवाजों पर ताला लगा था और बच्चों के निकलने के लिए पर्याप्त निकास द्वार नहीं थे। रसोईघर की जलती छप्पर और बांस के जलते लठों से निकास के रास्ते बंद हो गए थे।
स्कूल भवन में एक घंटे तक आग का तांडव चलता रहा और 94 बच्चे काल के गाल में समा गए। घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था।
घटना के बाबत राज्य सरकार और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ दर्ज किया गया मुकदमा सालों तक एक अदालत से दूसरे अदालत में स्थांतरित होता रहा।
साल 2012 में 21 आरोपियों के खिलाफ मामले दर्ज किए जाने और मामले की सुनवाई शुरू होने के बाद मुकदमे में गति आई। मामले में 4,000 पृष्ठों का आरोप पत्र दाखिल किया गया था।
मामले के कुल 21 आरोपियों में स्कूल के संपर्क अधिकारी पलानिसामी, उनकी पत्नी सरस्वती, बेटी संतनालक्ष्मी, तत्कालीन नगर निगम आयुक्त सत्यमूर्ति, तत्कालीन शहरी योजना अधिकारी के. मुरुगन, स्कूल के तीन शिक्षक और राज्य के शिक्षा विभाग के अधिकारी शामिल थे।
श्री कृष्णा गर्ल्स हाई स्कूल के प्रधानाचार्य प्रभाकरन मामले के सरकारी गवाह बन गए थे।
बाद में तंजावुर के तत्कालीन मुख्य शिक्षा अधिकारी सी. पलानीसामी, कुंबकोणम के तत्कालीन तहसीलदार एस. परमशिवम और तत्कालीन शिक्षा निदेशक ए. कनन के खिलाफ आरोप वापस ले लिए गए। मामले में 230 लोगों ने अभियोजन पक्ष की ओर से गवाही दी।
तमिलनाडु सरकार ने हादसे में मारे गए 94 बच्चों की स्मृति में कुंबकोणम में एक मेमोरियल पार्क का निर्माण कराया।
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