सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस दीपक मिश्रा की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
नागपुर जेल में आज मुंबई बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन को फांसी चढ़ाई जाने के साथ ही उसकी दया याचिका ठुकराने वाले सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
मेमन की दया याचिका पर शीर्ष अदालत की तीन सदस्यीय बेंच ने अभूतपूर्व ढंग से आधी रात के बाद सुनवाई की थी। जस्टिस दीपक मिश्रा, अमिताभ रॉय और प्रफुल्ल पंत ने देर रात करीब तीन बजे मेमन की नई दया याचिका के गुण-दोषों पर विचार किया और पाया कि उसकी फांसी की सज़ा मुलतवी नहीं की जा सकती
जजों ने कहा कि मेमन के पास मौत की सज़ा के खिलाफ अपील के लिए पर्याप्त समय एवं अवसर था और उसने अपने सभी कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल कर लिया है।
आपको बता दें कि मेमन पर साल 1993 में मुंबई में हुए सीरियल बम ब्लास्ट के लिए वित्तीय सहायता देने का दोष साबित हुआ था। इन बम धमाकों में 257 लोगों की मौत हो गई थी।
मेमन की दया याचिका पर शीर्ष अदालत की तीन सदस्यीय बेंच ने अभूतपूर्व ढंग से आधी रात के बाद सुनवाई की थी। जस्टिस दीपक मिश्रा, अमिताभ रॉय और प्रफुल्ल पंत ने देर रात करीब तीन बजे मेमन की नई दया याचिका के गुण-दोषों पर विचार किया और पाया कि उसकी फांसी की सज़ा मुलतवी नहीं की जा सकती
जजों ने कहा कि मेमन के पास मौत की सज़ा के खिलाफ अपील के लिए पर्याप्त समय एवं अवसर था और उसने अपने सभी कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल कर लिया है।
आपको बता दें कि मेमन पर साल 1993 में मुंबई में हुए सीरियल बम ब्लास्ट के लिए वित्तीय सहायता देने का दोष साबित हुआ था। इन बम धमाकों में 257 लोगों की मौत हो गई थी।
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