वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण- फाइल फोटो
कोरोनोवायरस लॉकडाउन (Coronavirus Lockdown) के बीच वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) आर्थिक पैकेज (Economic package) की चौथी किस्त की घोषणा कर रही हैं. वित्त मंत्री ने कहा - आज हम भारतीय अर्थव्यवस्था में संरचनात्मक सुधारों पर ध्यान देंगे. पीएम ने आत्मनिर्भर भारत की बात की है और बिजनेस आसान करने के लिए कदम उठाए गए हैं. उन्होंने कहा कि हमें वैश्विक चुनौतियों का सामना करना होगा और मुकाबले के लिए तैयार रहना होगा. कई क्षेत्रों में सुधार की जरूरत है और सरकार ने नीतिगत सुधार शुरू किए हैं, ताकि भारत को अधिक आत्मनिर्भर बनाने के लिए निवेश को फास्टट्रैक किया जा सके. प्रेस कांफ्रेंस में शामिल हुए अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस देश में सुधार के लिए रिफॉर्म की बात करते रहे हैं. इसी को लेकर हम आज देश में सकारात्मक माहौल बना है. सरकार का ध्यान बुनियादी सुधारों की तरफ है. ताकि कारोबार करना देश में आसान हो सके. हमारा फोकस 8 क्षेत्रों में होगा, जिसमें कोयला, खनिज और एयरपोर्ट शामिल है. इसरो से लेकर बिजली वितरण तक को लेकर कदम उठाए जाएंगे.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की चौथी किस्त ढांचागत सुधार को बढ़ावा देने और रोजगार सृजित करने के उद्देश्य पर केंद्रित होगी. सीतारमण ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पैकेज की चौथी किस्त कोयला, खनिज, रक्षा उत्पादन, नागरिक उड्डयन क्षेत्र, केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली वितरण कंपनियों, अंतरिक्ष क्षेत्र और परमाणु ऊर्जा क्षेत्र के संरचनात्मक सुधारों पर केंद्रित है. सीतारण का चार दिन में यह यह चौथा संवाददाता सम्मेलन था जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा अर्थव्यवस्था को गति देने और आत्मनिर्भर बनाने के लिए घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ब्योरा दे रही थीं. उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में उठाये गये कदमों में सचिवों के सशक्त समूह के माध्यम से निवेशके प्रस्तवों की शीघ्रता से जूरी की व्यवस्था भी शामिल है.
उन्होंने कहा कि निवेशकों और केंद्र/ राज्य सरकारों के बीच समन्वय के लिये प्रत्येक मंत्रालय में परियोजना विकास सेल की स्थापना की गयी है. वित्त मंत्री ने कहा कि नये निवेशों के लिये आकर्षक बनने की प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के उद्येश्य से राज्यों की रैंकिंग की जा रही है. सौर पीवी विनिर्माण और उन्नत सेल बैटरी भंडारण जैसे क्षेत्रों में नये उभरते क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिये प्रोत्साहन योजनाएं शुरू की जायेंगी. औद्योगिक सूचना प्रणाली (आईआईएस) पर पांच लाख हेक्टेयर क्षेत्र में 3,376 औद्योगिक भूखंडों, उद्योगिक संपदा क्षेत्रों और विशेष आर्थिक क्षेत्रों (सेज) के स्थान दर्शाए गए हैं. उन्होंने कहा कि सभी औद्योगिक पार्कों की 2020-21 में रैंकिंग की जायेगी.
- परमाणु ऊर्जा से संबंधित सुधार शुरू किए जाएंगे. हम खाद्य संरक्षण के लिए विकिरण प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए पीपीपी मोड में सुविधाओं की स्थापना करेंगे और मेडिकल आइसोटोप के उत्पादन के लिए पीपीपी मोड में अनुसंधान रिएक्टरों की स्थापना की अनुमति देंगे.
- केंद्रशासित प्रदेशों में बिजली वितरण का निजीकरण किया जाएगा...
- छह और एयरपोर्ट नीलामी के लिए रखे जाएंगे, पीपीपी मॉडल से 6 हवाई अड्डों को विकसित किया जाएगा.
- भारतीय वायुक्षेत्र की पाबंदी को सरल और सुगम बनाने के लिए हम समन्वय करेंगे. फ्यूल की बचत होगी और पर्यावरण को नुकसान भी होगा.
- ऑर्डनेंस फैक्टरी बोर्ड (OFB) का निगमीकरण किया जाएगा...
- ऑटोमैटिक रूट के तहत रक्षा उत्पादन में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा को 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी किया जाएगा...
- हम रक्षा स्पेयर पार्ट्स के स्वदेशीकरण को प्राथमिकता देंगे. रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए फोकस 'मेक इन इंडिया' पर होगा.
- ऐसे अस्त्रों/प्लेटफॉर्मों के आयात पर प्रतिबंध, जिनका निर्माण भारत में आवश्यक मानकों पर हो सकता है... इस प्रतिबंध सूची को हर वर्ष बढ़ाया जाएगा...
- खनिज सेक्टर में भी निजी निवेश को बढ़ावा देगी केंद्र सरकार
- 50 नए कोल ब्लॉकों की नीलामी होगी
- मेक इन इंडिया पर सरकार का ज़ोर
- 3,376 औद्योगिक विकास क्षेत्रों में लाभ
- 50,000 करोड़ रुपये बुनियादी ढांचे पर व्यय किए जाएंगे...
- कोयला खनन में सरकार का एकाधिकार खत्म किया जा रहा है, वाणिज्यिक खनन की अनुमति दी जा रही है...
- रक्षा क्षेत्र पर भी सरकार का फोकस...
- सरकार का ध्यान बुनियादी सुधारों पर, कारोबार को आसान करना लक्ष्य है.
- आठ क्षेत्रों में सरकार का फोकस है, जिनमें कोयला, खनिज, एयरपोर्ट पर काम जारी है...
- ISRO और बिजली वितरण को लेकर नए कदम उठाए जाएंगे...
- हमने औद्योगिक बुनियादी ढांचे को अपग्रेड करना का फैसला किया है... 2020-21 में सभी इंडस्ट्रियल पार्कों को रैंक किया जाएगा....
- आत्मनिर्भरता से मजबूत होगा भारत, देश की आर्थिक तरक्की के आत्मनिर्भर बनना अहम होगा.
- ज्यादा उत्पाद और रोजगार की योजना, व्यापार बढ़ाने के लिए ढांचागत सुधार किया जाएगा
- उत्पादों की विश्वसनीय बनाना जरूरी, भारत में निवेश का इस वक्त अच्छा माहौल है.
- सरकार ने नीतिगत सुधार शुरू किए हैं, ताकि भारत को अधिक आत्मनिर्भर बनाने के लिए निवेश को फास्टट्रैक किया जा सके...
- कई क्षेत्रों में सुधार की जरूरत
- वैश्विक चुनौतियों का सामना करना होगा और मुकाबले के लिए तैयार रहना होगा
- पीएम ने आत्मनिर्भर भारत की बात की, बिजनेस आसान करने के लिए कदम उठाए
- पैकेज से जुड़े ज्यादातर ऐलान हो चुके
- वित्त मंत्री ने कहा - आज हम भारतीय अर्थव्यवस्था में संरचनात्मक सुधारों पर ध्यान देंगे
इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा था कि पैकेज की तीसरी किस्त में कृषि व इससे संबद्ध क्षेत्रों को राहत देने पर ध्यान दिया गया है. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि पैकेज की तीसरी किस्त में कृषि व इससे संबद्ध क्षेत्रों में बुनियादी संरचना तथा क्षमता निर्माण पर ध्यान दिया जायेगा. पिछले दो महीनों में किसानों की मदद करने के लिये कई उपाय किये गये हैं. इनमें लॉकडाउन के दो महीनों के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 74,300 करोड़ रुपये की खरीद भी शामिल है.
इसके साथ ही, पीएम किसान योजना के तहत 18,700 करोड़ रुपये की नकदी लाभार्थी किसानों को दी गई, वहीं फसल बीमा योजना के तहत 6,400 करोड़ रुपये के दावों का भुगतान किया गया. सीतारमण ने कहा कि लॉकडाउन की अवधि के दौरान सहकारी समितियों द्वारा प्रतिदिन 360 लाख लीटर दूध की बिक्री के साथ 560 लाख लीटर प्रति दिन दूध की खरीद की गयी.
उन्होंने कहा कि कुल 111 करोड़ लीटर की अतिरिक्त खरीद की गयी, जिसके लिये 4,100 करोड़ रुपये का भुगतान सुनिश्चित किया गया. इसके लिये डेयरी सहकारी समितियों को दो प्रतिशत ब्याज सहायता काी योजना क्रियान्वयन में लाई गई. उन्होंने कहा कि ब्याज सहायता से दो करोड़ किसान लाभान्वित होंगे और इससे बाजार में 5,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी पहुंचेगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सप्ताह के शुरू में कोरोनो वायरस लॉकडाउन से प्रभावित अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों को राहत देने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये (जीडीपी का लगभग 10 प्रतिशत) के पैकेज की घोषणा की थी. इसमें मार्च में घोषित तीन महीनों के लिये गरीबों को खाद्यान्न और नकदी सहित 1.7 लाख करोड़ रुपये का पैकेज तथा भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा विभिन्न मौद्रिक नीति उपायों के माध्यम से 5.6 लाख करोड़ रुपये का दिया गया प्रोत्साहन भी शामिल है.
सरकार इस पैकेज के तहत अब तक दो किस्तों में 9.1 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा कर चुकी है. इन घोषणाओं में लघु एवं छोटी इकाइयों के लिये ऋण सुविधायें, किसानों को रियायती ऋण, एनबीएफसी और बिजली वितरकों को समर्थन आदि शामिल हैं. सरकार ने कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये 25 मार्च से देश भर में लॉकडाउन लागू किया है। लॉकडाउन की अवधि दो बार बढ़ाई जा चुकी है.
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