नई दिल्ली:
दिल्ली के गाजीपुर डंपिंग ग्राउंड में पिछले 15 दिनों से आग लगी हुई है. आग की वजह से कचरे के पहाड़ से जहरीला धुंआ निकल रहा है. इस धुएं की वजह से आसपास रहने वाले लोगों का हाल बेहाल हो गया है. धुएं का सबसे ज्यादा असर बच्चों और बुजुर्गों पर पड़ रहा है. लोगों का कहना है कि आग की तीव्रता कभी कम हो जाती है तो कभी ज्यादा, लेकिन इसे बुझाने के लिए किसी तरह का कोई प्रयास नहीं किया गया है.
हाल ही में रिलीज हुई वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइज़ेशन (WHO)की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली दुनिया सबसे प्रदूषित शहरों में दूसरे स्थान पर है.
WHO के अनुसार, हवा को प्रदूषित करने में कचरे का जलाये जाना एक बड़ा घटक होता है. गाज़ीपुर डंपिंग ग्राउंड में पिछली बार लगी आग के बाद यह घोषणा हुई कि इस कचरे का इस्तेमाल नेशनल हाइवे 24 को चौड़ा करने और मेरठ एक्सप्रेसवे को बनाने के लिए किया जाएगा. इस कचरे को वेस्ट से एनर्जी में बदलने की भी बात हुई, लेकिन इन घोषणाओं पर अमल होता हुआ फिलहाल नजर नहीं आ रहा.
हाल ही में रिलीज हुई वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइज़ेशन (WHO)की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली दुनिया सबसे प्रदूषित शहरों में दूसरे स्थान पर है.
WHO के अनुसार, हवा को प्रदूषित करने में कचरे का जलाये जाना एक बड़ा घटक होता है. गाज़ीपुर डंपिंग ग्राउंड में पिछली बार लगी आग के बाद यह घोषणा हुई कि इस कचरे का इस्तेमाल नेशनल हाइवे 24 को चौड़ा करने और मेरठ एक्सप्रेसवे को बनाने के लिए किया जाएगा. इस कचरे को वेस्ट से एनर्जी में बदलने की भी बात हुई, लेकिन इन घोषणाओं पर अमल होता हुआ फिलहाल नजर नहीं आ रहा.
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