कोरोना वायरस के संक्रमण से लोगों को सुरक्षित करने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश शासन के अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य शिक्षा विभाग रजनीश दुबे ने इंदिरा गाधी कला केंद्र के सभागार में प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के साथ बैठक की. बैठक में कोरोना संकट के बीच ग्रेटर नोएडा के शारदा हॉस्पिटल डाक्टरों और नर्सों के बिना किसी पूर्व सूचना के नौकरी छोड़ने के मामले को शासन ने बेहद गंभीरता से लिया है. स्वास्थ्य शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने इन डाक्टरों और नर्सों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं.
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य शिक्षा विभाग रजनीश दुबे कहा कि सभी कोरोना संक्रमित व्यक्तियों को प्रोटोकॉल के अनुरूप इलाज मिले. उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की संख्या के अनुरूप आगामी परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए कोविड अस्पताल तैयार करने तथा उनमें पर्याप्त मात्रा में बैड व्यवस्था, चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टाफ की व्यवस्था समय रहते सुनिश्चित की जाए. सेक्टर-06 स्थित इंदिरा गांधी कला केंद्र में प्रदेश के स्वास्थ्य शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव जिले के अफसरों के साथ बैठक कर रहे थे. उसी दौरान ग्रेटर नोएडा के शारदा हॉस्पिटल से बिना पूर्व नोटिस के चार डाक्टरों और 40 नर्सों के नौकरी छोड़कर चले जाने का मामला उठाया गया. इस मामले को अपर मुख्य सचिव ने बेहद गंभीरता से लेते हुए एफआईआर दर्ज कराने और कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिया है.
शारदा हॉस्पिटल जिले के कोविड-19 हॉस्पिटलों में शुमार है. वहां काम कर रहे 4 डॉक्टर और 40 नर्सों के बिना बताए जॉब छोड़कर चले गए. इससे हॉस्पिटल में कोविड-19 मरीजों के उपचार में बाधा आ रही है. बैठक में गौतमबुद्ध नगर जिले के कोविड-19 के नोडल अधिकारी नरेंद्र भूषण और जिलाधिकारी सुहास एलवाई के अलावा अन्य अधिकारी मौजूद थे.
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