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This Article is From Apr 19, 2020

मुसलमानों के इलाज पर पाबंदी लगाने वाले अस्पताल के खिलाफ मामला दर्ज

उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक अस्पताल ने इश्तेहार छपवाकर मुस्लिम मरीजों से कहा था कि वे अपना और अपने एक तीमारदार का कोरोना नेगेटिव होने का सर्टिफिकेट लाएंगे तभी अस्पताल उनका इलाज करेगा.

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मेरठ के अस्पताल के खिलाफ दर्ज हुआ मामला.

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक अस्पताल ने इश्तेहार छपवाकर मुस्लिम मरीजों से कहा था कि वे अपना और अपने एक तीमारदार का कोरोना नेगेटिव होने का सर्टिफिकेट लाएंगे तभी अस्पताल उनका इलाज करेगा. इसे लेकर अस्पताल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. बता दें कि इश्तेहार को लेकर सोशल मीडिया पर विरोध होने के बाद अस्पताल ने हालांकि आज दूसरा इश्तेहार छाप कर कहा कि उसे अपने पहले इश्तेहार पर खेद है. 17 अप्रैल को एक अखबार में विज्ञापन दिया, कल 18 अप्रैल को दूसरा विज्ञापन देकर माफी मांग ली.

मेरठ के इंचौली थाना के प्रभारी ब्रिजेश कुमार सिंह ने बताया कि घटना के संबंध में संबंधित अस्पताल के संचालक के खिलाफ मामला दर्ज करके आवश्यक कार्रवाई की जा रही है. वहीं मेरठ के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. राज कुमार से जब इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'निश्चित ही यह गलत है और हम इस मामले में संबंधित अस्पताल प्रशासन को नोटिस भेज रहे हैं. जवाब मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.'

बता दें कि अखबार में प्रकाशित अस्पताल के स्पष्टीकरण में कहा गया है, ‘हमारी इस वैश्विक आपदा में सभी धर्मों (मुस्लिम, हिंदू, जैन, सिख, ईसाई) के लोगों के साथ मिल-जुलकर लड़ने का आग्रह करने की रही. किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने की हमारी मंशा कभी नहीं रही है. अगर हिंदू/मुस्लिम/जैन/सिख/ईसाई समाज में किसी की भावना को ठेस पहुंची है, तो भी हम दिल से खेद प्रकट करते हैं.' 

बता दें कि भारत में कोरोनावायरस (Coronavirus) का कहर तेजी से बढ़ता जा रहा है. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक भारत में कोरोनावायरस से संक्रमितों की संख्या 16116 हो गई है. पिछले 24 घंटों में कोरोना के 1324 नए मामले सामने आए हैं और 31 लोगों की मौत हुई है. देश में कोरोना से अब तक 519 लोगों की मौत हो चुकी है, हालांकि 2302 मरीज इस बीमारी को हराने में कामयाब भी हुए हैं.

प्रवासी मजदूरों को एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने की अनुमति नहीं
गृहमंत्रालय ने रविवार को सभी राज्यों को सलाह जारी करते हुए कहा है कि कुछ आर्थिक गतिविधियों के लिए दी जा रही अनुमति के दौरान प्रवासी मजदूरों को एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. साथ ही ये भी साफ किया है कि जो भी मजदूर लॉकडाउन की वजह से राहत शिविरों में रह रहे हैं स्थानीय प्रशासन द्वारा उनका रजिस्ट्रेशन करना होगा.

(इनपुट: भाषा से भी)

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