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This Article is From Dec 04, 2012

खुदरा क्षेत्र में एफडीआई किसानों के हित में : सिब्बल

नई दिल्ली: बहुब्रांड खुदरा में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को अनुमति देने के सरकार के निर्णय का बचाव करते हुए केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री कपिल सिब्बल ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि इससे किसानों को फायदा होगा। उन्होंने विपक्षियों पर बिचौलियों का पक्ष लेने का आरोप लगाया। उन्होंने साथ ही कहा कि इस मुद्दे पर बहस कराने की आवश्यकता नहीं थी और यह सिर्फ एक राजनीति है। उन्होंने कहा, "इस नीति का मकसद यह है कि किसानों को आज मंडी में मिल रही कीमत से अधिक कीमत मिलनी चाहिए।"

सिब्बल ने कहा, "बाजार मूल्य का सिर्फ 15 से 17 फीसदी हिस्सा ही किसानों के पास जा पाता है। विपक्ष के नेताओं को यह तय करना होगा कि वे किसानों के साथ हैं या बिचौलियों के साथ हैं.. हम किसानों और खरीददारों के साथ हैं.. आप बिचौलियों के साथ हैं।"

मंत्री ने पश्चिम बंगाल का उदाहरण पेश किया और कहा कि पेप्सिको ने 10 हजार किसानों से उनकी उपज खरीदी। उन्होंने कहा, "आलू का बाजार भाव तीन रुपये प्रति किलो है, जबकि पेप्सिको ने उन्हें सात रुपये प्रति किलो का भुगतान किया।" उन्होंने साथ ही कहा कि खुदरा क्षेत्र में एफडीआई को लागू करना राज्य सरकार पर निर्भर है और किसी पर इसे लागू करने के लिए दबाव नहीं दिया जाएगा।

खुदरा में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) पर लोकसभा में बहस के दौरान सिब्बल ने कहा, "मुझे आश्चर्य है, यह बहस क्यों हो रही है।"

सिब्बल ने कहा कि विपक्ष इस देश में एक नए तरह के संघीय ढांचे की बात कर रहा है, जो इस तथ्य को नजरअंदाज कर रहा है कि यह नीति राज्यों को छूट देती है कि वे खुदरा में किसी एफडीआई परियोजना को अनुमति दें या न दें।

सिब्बल ने कहा, "लेकिन यदि कोई मुख्यमंत्री खुदरा में एफडीआई लाना चाहता है तो आप उसे कैसे रोक सकते हैं।"

सिब्बल ने कहा, "यह तय किया गया है कि उन्हीं शहरों में खुदरा क्षेत्र में एफडीआई की अनुमति दी जाएगी, जहां की जनसंख्या 10 लाख से अधिक है। ऐसे 53 शहर हैं। इसके बाद हमने महसूस किया कि कुछ राज्यों में विपक्ष की सरकार है। यदि उन राज्यों को अलग कर दिया जाए, जो इसे लागू नहीं करना चाहते हैं, तो 18 शहर बच जाते हैं।" उन्होंने कहा कि इसलिए देश में केवल 18 शहरों में इस तरह के स्टोर्स खोले जा सकते हैं। उन्होंने इस नीति के बारे में बताया कि निवेशकों को कम से कम 10 करोड़ डॉलर निवेश करना होगा, जिसका आधा आधारभूत संरचना तैयार करने पर खर्च होगा।

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FDI In Retail, Loksabha Debate, रिटेल में एफडीआई, लोकसभा में बहस, Kapil Sibal, कपिल सिब्बल
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