विशेष सीबीआई अदालत ने भाजपा नेता अमित शाह के आरोप मुक्त करने के आवेदन पर सुनवाई 14 जुलाई तक बुधवार को स्थगित कर दी। यह मामला सोहराबुद्दीन शेख और तुलसीराम प्रजापति फर्जी मुठभेड़ मामले से संबंधित है।
नए न्यायाधीश बीएच लोया जिनके समक्ष आज मामला सुनवाई के लिए आया उन्होंने मामले की सुनवाई स्थगित कर दी।
इस बीच, शाह के 4 जुलाई को अदालत के समक्ष नियमित सुनवाई के लिए उपस्थित होने की संभावना है।
गौरतलब है कि पिछले न्यायाधीश जेटी उत्पत का 25 जून को तबादला कर दिया गया था।
अदालत ने 9 मई को शाह और मामले के अन्य आरोपियों के खिलाफ सम्मन जारी किया था। यह मामला गुजरात से मुंबई स्थानांतरित किया गया था।
सीबीआई ने पिछले साल सितंबर में शाह और कई अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया था।
सीबीआई के अनुसार गैंगस्टर सोहराबुद्दीन शेख और उसकी पत्नी कौसर बी का गुजरात पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते ने अपहरण किया था, जब वे महाराष्ट्र में सांगली से हैदराबाद जा रहे थे और नवंबर 2005 में गांधीनगर के निकट कथित तौर पर फर्जी मुठभेड़ में उनकी हत्या कर दी गई थी।
मुठभेड़ के प्रत्यक्षदर्शी तुलसीराम प्रजापति दिसंबर 2006 में गुजरात के बनासकांठा जिले के चापरी गांव में पुलिस के हाथों मारा गया था।
शाह उस वक्त राज्य के गृह राज्यमंत्री थे और कथित तौर पर दोनों घटनाओं की साजिश में शामिल थे।
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