मुंबई:
शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे की मौत के बाद दो लड़कियों को मुंबई बंद के सिलसिले में फेसबुक पर कमेंट करना बहुत महंगा पड़ा। अदालत ने इन लड़कियों को गिरफ्तार कर 14 दिन के लिए जेल भेजने का आदेश दिया था, हालांकि कुछ घंटों बाद 15,000 रुपये की जमानत पर रिहा कर दिया गया।
यही नहीं शिवसैनिकों ने लड़की के चाचा के क्लीनिक में जमकर तोड़फोड़ की, जिसके बाद दस शिवसैनिकों को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में 7, 500 के मुचलके पर इन्हें जमानत मिल गई।
दरअसल, फेसबुक पर इस लड़की ने लिखा था कि पूरे सम्मान के साथ कहना चाहूंगी हर रोज हजारों लोग मरते हैं, लेकिन दुनिया चलती रहती है। बस इसलिए कि एक नेता की स्वाभाविक मौत हुई है जैसे हर कोई बौखला गया है। उन्हें समझना चाहिए हम अपनी इच्छा से नहीं दबाव से रोक दिए गए हैं। आखिरी बार ऐसा कब हुआ था, जब किसी ने शहीद भगत सिंह, आजाद, सुखदेव या किसी और ऐसे शख्स के लिए सम्मान जताया हो या 2 मिनट का मौन भी रखा हो, जिनकी वजह से हम आजाद हैं। इज्जत कमाई जाती है, जबरन लादी नहीं जाती। मुंबई डर की वजह से बंद है, सम्मान की वजह से नहीं। बस शिवसेना को यह टिप्पणी रास नहीं आई। उसने हंगामा कर दिया।
यही नहीं शिवसैनिकों ने लड़की के चाचा के क्लीनिक में जमकर तोड़फोड़ की, जिसके बाद दस शिवसैनिकों को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में 7, 500 के मुचलके पर इन्हें जमानत मिल गई।
दरअसल, फेसबुक पर इस लड़की ने लिखा था कि पूरे सम्मान के साथ कहना चाहूंगी हर रोज हजारों लोग मरते हैं, लेकिन दुनिया चलती रहती है। बस इसलिए कि एक नेता की स्वाभाविक मौत हुई है जैसे हर कोई बौखला गया है। उन्हें समझना चाहिए हम अपनी इच्छा से नहीं दबाव से रोक दिए गए हैं। आखिरी बार ऐसा कब हुआ था, जब किसी ने शहीद भगत सिंह, आजाद, सुखदेव या किसी और ऐसे शख्स के लिए सम्मान जताया हो या 2 मिनट का मौन भी रखा हो, जिनकी वजह से हम आजाद हैं। इज्जत कमाई जाती है, जबरन लादी नहीं जाती। मुंबई डर की वजह से बंद है, सम्मान की वजह से नहीं। बस शिवसेना को यह टिप्पणी रास नहीं आई। उसने हंगामा कर दिया।
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