दिल्ली में लोकप्रिय सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त करने के लिए कोई राजनीतिक समाधान निकलने की उम्मीद जताते हुए केंद्र सरकार ने गुरुवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी के बजट में महानगर की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए समुचित प्रावधान किए गए हैं।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने दिल्ली के बजट 2014-15 पर उच्च सदन में हुई चर्चा पर जवाब देते हुए कहा, 'मुझे उम्मीद है कि कोई ऐसा राजनीतिक समाधान निकलेगा जिससे दिल्ली में सरकार के गठन या नए सिरे से चुनाव कराने में मदद मिलेगी।'
उन्होंने कहा कि दिल्ली में पूर्वाचल सहित हर प्रांत के लोग रहते हैं और इसी वजह से राजधानी एक लघु भारत बन गई है। उन्होंने कहा कि पिछले दो दशकों में राजधानी में जनसंख्या का दबाव काफी बढ़ा है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली का बजट इस दृष्टि से बनाया गया है कि यहां की आधारभूत समस्याओं को दूर किया जा सके। उन्होंने कहा कि दिल्ली का कुल बजट 36766 करोड़ रुपये का है जिसमें 31500 करोड़ रुपये कर से वसूल किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली में कर से काफी आय होती है जिसके कारण यहां का कर - जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) अनुपात काफी अधिक है।
वित्त मंत्री के जवाब के बाद उच्च सदन में 2014-15 के लिए दिल्ली के बजट से जुड़ी अनुदान मांगों को चर्चा के बाद ध्वनिमत से लोकसभा को लौटा दिया गया। लोकसभा इन्हें कल पारित कर चुकी है।
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