
कश्मीर घाटी में सेना की गाड़ी
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आतंकी विकल्प के तौर पर पानी का सहारा ले रहे हैं
आतंकियों को तैरने के लिए भी स्पेशल ट्रेनिंग दी जा रही है
जिन जगहों पर हमला किया है वो सभी नदियों के आसपास ही हैं
सुरक्षाबलों के लिए ये चिंता का विषय है कि आतंकी अब घुसपैठ के लिए नदी का सहारा लेने लगे हैं. यानि हमले की जगह पहुंचने के साथ-साथ घुसपैठ के लिए भी पानी का सहारा और इससे निपटना आसान नहीं है.
साफ है जब जमीनी रास्ते पर चौकसी बढ़ी तो आतंकी विकल्प के तौर पर पानी का सहारा ले रहे हैं. खुफिया सूत्रों के मुताबिक सरहद पार के आतंकी ट्रेनिंग कैंपों में आतंकियों को तैरने के लिए भी स्पेशल ट्रेनिंग दी जा रही है जिससे आतंकी घंटों तक गहरे पानी के भीतर रह सकते हैं.
आपको ये बता दें कि बारामूला, उरी और पंपोर में जिन जिन जगहों पर आतंकियों ने हमला किया है वो सभी नदियों के आसपास ही हैं. ये भी पता चला है सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने सीमा के पास चल रहे अपने आतंकी कैंपों को शिफ्ट तो किया ही है साथ ही कश्मीर घाटी में हमले के लिए अपनी रणनीति में बदलाव किया है.
पहले फिदायीन हमलावर घुसपैठ के तुंरत बाद हमले को अंजाम देते थे, लेकिन अब घुसपैठ के बाद स्लीपर सेल की मदद से पहले पनाह लेते हैं. इसके बाद सैन्य कैंपों या फिर सैन्य काफिला की सुरक्षा व्यवस्था की जांच पड़ताल के बाद हमले करते हैं.
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