भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) ने बिहार विधान सभा चुनावों (Bihar Assembly Elections) के लिए दो और सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान किया है. इनमें से एक सीट है बक्सर. पार्टी ने वहां से पुराने कार्यकर्ता और इलाके में अच्छी पैठ रखने वाले परशुराम चतुर्वेदी को उम्मीदवार बनाया है. वहीं दूसरी सीट अरवल से दीपक शर्मा को कैंडिडेट बनाया है. बीजेपी अब तक कुल 29 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है. ब्रह्मपुर सीट वीआईपी के खाते में दी गई है. इसके साथ ही गुप्तेश्वर पांडेय के बीजेपी उम्मीदवार बनने की सारी संभावनाएं खत्म हो चुकी हैं.
परशुराम चतुर्वेदी बिहार पुलिस के पूर्व कॉन्स्टेबल हैं, जिन्होंने सीआईडी समेत कई विभागों में अपनी सेवा दी है. वो वर्षों से बक्सर क्षेत्र में पार्टी के लिए काम कर रहे थे. उन्होंने गुप्तेश्वर पांडेय को टिकट नहीं देने पर कोई टिप्पणी नहीं की लेकिन उन्होंने कहा कि वो पांडेय को अपना बड़ा भाई मानते हैं.
1987 बैच के आईपीएस अफसर और राज्य के डीजीपी रहे गुप्तेश्वर पांडेय ने चुनावों से पहले स्वैच्छिक सेवानिवृति ले ली थी. माना जा रहा था कि उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए ही ऐसा किया क्योंकि बाद में उन्होंने जेडीयू की सदस्यता ले ली थी. चर्चा थी कि पांडेय बक्सर या ब्रह्मपुर से लड़ेंगे लेकिन ये दोनों सीटें बीजेपी के खाते में चली गई, जबकि पांडेय ने जेडीयू का दामन थामा था. उनके वीआरएस लेने के बाद इसकी चर्चा थी कि वो बीजेपी के टिकट पर इन सीटों में से किसी एक से चुनाव लड़ सकते हैं.
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माना जा रहा है कि डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी और केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे, जो बक्सर से सांसद हैं, ने पांडे का विरोध किया और उन्हें वहां से टिकट नहीं मिल सका. 1987 बैच के ही एक और पूर्व डीजी सुनील कुमार जेडीयू से टिकट पाने में कामयाब रहे. वो गोपालगंज की भोरे (सुरक्षित) सीट से चुनाव लड़ेंगे.
सीट बंटवारे के मुताबिक बीजेपी को 121 जबकि जेडीयू को 122 सीटें मिली थीं. बीजेपी ने अपने खाते से 11 सीटें वीआईपी को दीं जबकि नीतीश ने अपने हिस्से से सात सीटें हम को दीं. इस तरह अब दोनों पार्टियां क्रमश: 110 और 115 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं.
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