नेपाल में बुधवार को रिक्टर पैमाने पर 5.2 की तीव्रता वाले भूकंप के झटके महसूस किए गए. किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. यह भूकंप साल 2015 में आए प्रलयकारी भूकंप के चार साल पूरा होने के ठीक एक दिन पहले आया है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, नेशनल इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर ने ट्वीट कर जानकारी दी कि राजधानी की सीमा से लगे धादिंग में सुबह 6.29 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए. सुबह के भूकंप के बाद उसी जिले में 4.3 की तीव्रता के फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए. वहीं जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, अरुणाचल प्रदेश में 6.1 तीव्रता का भूकंप आया, हालांकि इसमें अभी तक किसी जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है.
अरुणाचल प्रदेश में करीब 1.45 मिनट पर भूकंप आया. बता दें कि अरुणाचल प्रदेश में करीब 1.2 मिलिनय लोग रहते हैं. तिब्बत के इलाकों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं.
चीन के भूकंप नेटवर्क केंद्र ने कहा कि रिक्टर पैमाने पर 6.3 तीव्रता का भूकंप तिब्बत के मेदोग काउंटी में तड़के 4.15 बजे 10 किलोमीटर की गहराई पर आया. नेपाल में 25 अप्रैल, 2015 को बड़े पैमाने पर भूकंप ने तबाही मचाया था, जिसमें लगभग 9,000 लोग मारे गए थे और पांच लाख से ज्यादा लोग बेघर हो गए थे.
भूकंप के झटके से सहमा फिलीपिंस, रिक्टर स्केल पर 6.4 की तीव्रता मापी गई
बता दें, इससे पहले फिलीपिंस में सोमवार और मंगलवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए थे सोमवार को सेंट्रल फिलीपिंस में 6.4 की तीव्रता का भूकंप आया, जिससे लोग सहम गए. समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने कहा कि मनीला में कई ईमारत, दफ्तर भूकंप के झटके से हिलते दिखे. रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 6.4 मापी गई. हालांकि, अभी तक किसी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं आई है. बता दें कि साल 2013 में आए भूकंप में कई लोग मारे गए थे.
भूकंप आए तो क्या करें, क्या न करें
भूकंप आने के वक्त यदि आप घर से बाहर हैं तो ऊंची इमारतों, बिजली के खंभों आदि से दूर रहें. जब तक झटके खत्म न हों, बाहर ही रहें. चलती गाड़ी में होने पर जल्द गाड़ी रोक लें और गाड़ी में ही बैठे रहें. ऐसे पुल या सड़क पर जाने से बचें, जिन्हें भूकंप से नुकसान पहुंचा हो. भूकंप आने के वक्त यदि आप घर में हैं तो फर्श पर बैठ जाएं. मज़बूत टेबल या किसी फर्नीचर के नीचे पनाह लें. टेबल न होने पर हाथ से चेहरे और सिर को ढक लें. घर के किसी कोने में चले जाएं और कांच, खिड़कियों, दरवाज़ों और दीवारों से दूर रहें. बिस्तर पर हैं तो लेटे रहें, तकिये से सिर ढक लें. कमज़ोर सीढ़ियों का इस्तेमाल न करें, आमतौर पर इमारतों में बनी सीढ़ियां मज़बूत नहीं होतीं. झटके आने तक घर के अंदर ही रहें और झटके रुकने के बाद ही बाहर निकलें.
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