शिमला:
हिमाचल प्रदेश में मंगलवार को पांच घंटे के अंतराल पर दो बार भूकम्प के हल्के झटके महसूस किए गए, जिससे लोगों में दहशत फैल गई। रिक्टर पैमाने पर भूकम्प की तीव्रता 4.5 और 4.9 मापी गई। भूकम्प के इन झटकों से जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।
स्थानीय मौसम विज्ञान विभाग कार्यालय के निदेशक मनमोहन सिंह ने बताया, "राज्य के कुछ हिस्सों में सुबह 9.15 बजे कुछ सेकंड तक भूकम्प के झटके महसूस किए गए जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.5 मापी गई। दूसरा झटका दोपहर 2.05 बजे आया जिसकी तीव्रता 4.9 दर्ज की गई।"
सिंह ने कहा कि भूकम्प का केंद्र जम्मू एवं कश्मीर की सीमा से लगते चम्बा, लाहौल और स्पीति जिलों की सीमा पर स्थित था।
पहले झटके का केंद्र 32.4 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 76.4 देशांतर पर था, जबकि दूसरे झटके का केंद्र 32.3 डिग्री उत्तरी अक्षांश एवं 76.3 डिग्री देशांतर पर था।
हिमाचल प्रदेश में सबसे भीषण भूकम्प 1905 में कांगड़ा घाटी में आया था, जिसमें 20,000 से अधिक लोगों की जान गई थी।
स्थानीय मौसम विज्ञान विभाग कार्यालय के निदेशक मनमोहन सिंह ने बताया, "राज्य के कुछ हिस्सों में सुबह 9.15 बजे कुछ सेकंड तक भूकम्प के झटके महसूस किए गए जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.5 मापी गई। दूसरा झटका दोपहर 2.05 बजे आया जिसकी तीव्रता 4.9 दर्ज की गई।"
सिंह ने कहा कि भूकम्प का केंद्र जम्मू एवं कश्मीर की सीमा से लगते चम्बा, लाहौल और स्पीति जिलों की सीमा पर स्थित था।
पहले झटके का केंद्र 32.4 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 76.4 देशांतर पर था, जबकि दूसरे झटके का केंद्र 32.3 डिग्री उत्तरी अक्षांश एवं 76.3 डिग्री देशांतर पर था।
हिमाचल प्रदेश में सबसे भीषण भूकम्प 1905 में कांगड़ा घाटी में आया था, जिसमें 20,000 से अधिक लोगों की जान गई थी।
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