कोरोना वायरस के संक्रमण से लोगों को बचाने में जुटे 'योद्धाओं' के लिए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने एक संक्रामकरोधी चैंबर (Disinfectant chamber) तैयार किया है. इसे मंगलवार को नई दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में रखा गया है. चैंबर एक प्रक्रिया के तहत कोविड -19 वायरस को मारता हैं और इनफेक्शन के प्रसार को नियंत्रित करने में मदद करता है. इस चैंबर को मेसर्स डीएच लिमिटेड, गाजियाबाद के सहयोग से चार दिनों के भीतर तैयार किया गया है.
#COVID : Sanitization Unit at AIIMS pic.twitter.com/znwuydSyiU
— Parimal Kumar (@parimmalksinha) April 8, 2020
इसका उपयोग कोरोना वायरस के संक्रमण से लोगों को बचाने में जुटे उन कर्मचारियों को डिसइनफेक्ट करने के लिए किया जा सकता हैं. अस्पतालों, मॉल, कार्यालय भवनों और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों में एंट्री और एक्जिट प्वाइंट पर तैनात कर्मचारियों के लिए भी यह उपयोगी है. डीआरडीओ की लैबोरेट्री, व्हीकल रिसर्च डेवलपमेंट इस्टेब्लिशमेंट (वीआरडीई), अहमदनगर ने PSE नामक पूरे शरीर कीटाणुशोधन कक्ष को डिजाइन किया है. एक कक्ष में लोगों को एक-एक करके कीटाणुमुक्त किया जा सकता है. यह सिस्टम सेनिटाइजर और सोंप डिस्पेंसर से युक्त है.
फुट पेडल का उपयोग करके वायरसमुक्त करने की प्रक्रिया शुरू की जाती है.कक्ष में प्रवेश करने पर, इलेक्ट्रिकली ऑपरेटेड पंप हाइपो सोडियम क्लोराइड की एक कीटाणुनाशक धुंध (धुआं) तैयार करता है. धुएं का स्प्रे 25 सेकंड के लिए कैलिब्रेटेड है और ऑटोमैटिकली इसके बाद बंद हो जाता है. इसके साथ ही डिसइनफेक्ट करने की प्रकिया पूरी हो जाती है. इस प्रक्रिया में केवल एक सावधानी रखने की जरूरत होती है.चैम्बर के अंदर रहते हुए, इस प्रोसेज से गुजरने वाले लोगों को अपनी आंखें बंद रखनी होती हैं. सिस्टम में मॉनिटरिंग को साइड की दीवारों पर ग्लास पैनल के माध्यम से देखा जा सकता है. रात के समय के लिए इसमें प्रकाश की व्यवस्था भी है. समग्र संचालन की निगरानी के लिए एक अलग ऑपरेटर केबिन प्रदान किया गया है.
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