मुंबई:
शिवसेना ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर की गई नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन की टिप्पणी के चलते उनसे भारत रत्न वापस लेने की बीजेपी सांसद चंदन मित्रा की मांग की निंदा की है, लेकिन इसके साथ उसने इस प्रसिद्ध अर्थशास्त्री को राजनीति में 'टांग नहीं घुसाने' की भी सलाह दी है।
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में छपे संपादकीय में कहा, सेन एक अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त अर्थशास्त्री हैं और उनके विरोधियों द्वारा इस तरह की मांग (भारत रत्न वापस लेने की) नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने कहा, अमर्त्य सेन एक अर्थशास्त्री हैं, लेकिन इस देश का गरीब नहीं जानता कि वह असल में करते क्या हैं। देश की अर्थव्यवस्था खराब हालत में है। यह मोदी नहीं है, जिसने ऐसा किया और नोबेल पुरस्कार से सम्मानित होने के बावजूद अमर्त्य सेन के पास इसकी कोई दवा नहीं है।
उद्धव ने कहा, अगर लोग सेन से पहले अपना काम ठीक ढंग से करने और राजनीति में टांग घुसाने से बचने को कहें, तो वह क्या जवाब देंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा, अमर्त्य सेन की महानता नकारी नहीं जा सकती। उनसे भारत रत्न वापस लेने की मांग ठीक नहीं थी, लेकिन हर किसी को अपनी सीमा में रहना चाहिए।
गौरतलब है कि सेन ने हाल ही में कहा था कि मोदी की पहचान धर्मनिरपेक्ष नहीं है और इसलिए वह नहीं चाहते कि मोदी देश के प्रधानमंत्री बनें। इस प्रसिद्ध अर्थशास्त्री ने मोदी के प्रशासनिक मॉडल की भी निंदा की थी। अमर्त्य सेन की इस टिप्पणी के बाद बीजेपी के राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ पत्रकार चंदन मित्रा ने सेन को दिए गए देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न उनसे वापस ले लेने की मांग की थी।
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में छपे संपादकीय में कहा, सेन एक अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त अर्थशास्त्री हैं और उनके विरोधियों द्वारा इस तरह की मांग (भारत रत्न वापस लेने की) नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने कहा, अमर्त्य सेन एक अर्थशास्त्री हैं, लेकिन इस देश का गरीब नहीं जानता कि वह असल में करते क्या हैं। देश की अर्थव्यवस्था खराब हालत में है। यह मोदी नहीं है, जिसने ऐसा किया और नोबेल पुरस्कार से सम्मानित होने के बावजूद अमर्त्य सेन के पास इसकी कोई दवा नहीं है।
उद्धव ने कहा, अगर लोग सेन से पहले अपना काम ठीक ढंग से करने और राजनीति में टांग घुसाने से बचने को कहें, तो वह क्या जवाब देंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा, अमर्त्य सेन की महानता नकारी नहीं जा सकती। उनसे भारत रत्न वापस लेने की मांग ठीक नहीं थी, लेकिन हर किसी को अपनी सीमा में रहना चाहिए।
गौरतलब है कि सेन ने हाल ही में कहा था कि मोदी की पहचान धर्मनिरपेक्ष नहीं है और इसलिए वह नहीं चाहते कि मोदी देश के प्रधानमंत्री बनें। इस प्रसिद्ध अर्थशास्त्री ने मोदी के प्रशासनिक मॉडल की भी निंदा की थी। अमर्त्य सेन की इस टिप्पणी के बाद बीजेपी के राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ पत्रकार चंदन मित्रा ने सेन को दिए गए देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न उनसे वापस ले लेने की मांग की थी।
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