अब घरेलू नौकरों के आएंगे 'अच्छे दिन', न्यूनतम वेतन हो सकता है 9000 रुपये

प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली:

घरों में नौकरी करने वालों के हितों के संरक्षण के लिए सरकार एक राष्ट्रीय नीति तैयार कर रही है जिसमें पूर्णकालिक घरेलू काम-काज करने वालों के लिए न्यूनतम वेतन 9,000 रुपए रखने का प्रस्ताव है। इसके अलावा ऐसे घरेलू सेवक सेविकाओं को बीमा और दूसरे सुरक्षा और अवकाश भी दिए जाएंगे।

घरेलू मज़दूरों के लिए राष्ट्रीय नीति के इस मसौदे को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए जल्द भेजा जाने वाला है। इसमें यौन शोषण और बंधुआ मजदूरी के खिलाफ भी प्रावधान हैं। इसमें पूर्णकालिक मज़दूरों के लिए अनिवार्य रूप से 15 दिन का भुगतानशुदा अवकाश और मातृत्व अवकाश की सुविधा का प्रावधान भी प्रस्तावित है, साथ ही कामगारों को शिक्षा पाने का अधिकार भी होगा।

काम के दौरान उन्हें सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराया जाएगा और एक शिकायत निपटान प्रणाली भी होगी। इसमें नियोक्ता द्वारा घरेलू कामगारों की सामाजिक सुरक्षा के लिए अनिवार्य योगदान का भी प्रावधान है।

ऐसे श्रमिकों को समूह बनाने और सामूहिक मोलभाव के लिए एक-दूसरे से संपर्क करने का भी अधिकार होगा। श्रम कल्याण महानिदेशक (डीजीएलडब्ल्यू) ने इस बारे में नोट का मसौदा तैयार किया है जिसे श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय को पिछले सप्ताह सौंपा गया है।

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दत्तात्रेय ने एजेंसी से कहा है 'घरेलू कामगार नीति तैयार की जा रही है। घरेलू कामगारों का शोषण भी होता है ऐसे में उनका कल्याण और संरक्षण बेहद महत्वपूर्ण है।'