गोवा लौटने से जुड़ी टिप्पणी का प्रमुख मुद्दों के दबाव से लेना देना नहीं : मनोहर पर्रिकर

गोवा लौटने से जुड़ी टिप्पणी का प्रमुख मुद्दों के दबाव से लेना देना नहीं : मनोहर पर्रिकर

मनोहर पर्रिकर की ओर से कहा गया है कि उनकी गोवा वापसी को लेकर कश्मीर जैसे कुछ प्रमुख मुद्दों का दबाव होने से कोई लेना देना नहीं है.

खास बातें

  • पर्रिकर ने गोवा लौटने से जुड़ी टिप्पणी पर सफाई दी
  • पर्रिकर ने ट्वीट पर कहा कि भाषण से संबंधित खबर तथ्यात्मक रूप से गलत है
  • पर्रिकर ने हाल ही में गोवा के मुख्यमंत्री का पद फिर से संभाला है
पणजी:

मनोहर पर्रिकर के कार्यालय ने उनके रक्षा मंत्री का पद छोड़कर गोवा लौटने से जुड़ी टिप्पणी को स्पष्ट करते हुए शनिवार को कहा कि उनके इस कदम का कश्मीर जैसे कुछ प्रमुख मुद्दों का दबाव होने से कोई लेना देना नहीं है.

मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने एक बयान में कहा, ‘‘कश्मीर मुद्दे को लेकर स्थानीय भाषा में मुख्यमंत्री (पर्रिकर) की टिप्पणी उनके गोवा के मुख्यमंत्री बनने से किसी भी तरह से जुड़ी नहीं है जो गठबंधन के सहयोगियों की मांग के कारण स्थिति की जरूरत को देखते हुए किया गया.’’ खबरों के अनुसार पर्रिकर ने कल यहां एक कार्यक्रम में कहा था कि कश्मीर जैसे कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों का दबाव उनके रक्षा मंत्री का पद छोड़ने और गोवा लौटने के कारणों में एक था. सीएमओ ने इसी आलोक में अपना बयान जारी किया.

सीएमओ ने कहा, ‘‘माननीय मुख्यमंत्री ने भाषण में संकेत दिया था कि कश्मीर के संवेदनशील मुद्दा होने के नाते इससे एक दीर्घकालीन ‘पॉलिसी फ्रेमवर्क’ के जरिए निपटाए जाने की जरूरत है.’’ हालांकि, भाषण की ऑडियो क्लिप से यह स्पष्ट है कि पर्रिकर ने कहा था कि कश्मीर जैसे कुछ अहम मुद्दों का दबाव उनके रक्षा मंत्री का पद छोड़कर गोवा वापस लौटने के कारणों में एक था.

वहीं, पर्रिकर ने एक ट्वीट में अपने भाषण से संबंधित खबरों को ‘‘तथ्यात्मक रूप से गलत’’ बताया है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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