यह ख़बर 29 अक्टूबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

अन्ना संग आए पूर्व सेनाध्यक्ष ने कहा, भंग की जाए संसद

खास बातें

  • नए अंदाज और नए तेवर में नजर आ रही टीम अन्ना ने केंद्र की संप्रग सरकार पर जोरदार हमला बोलते हुए संसद को तुरंत भंग किए जाने की मांग की और कहा कि लोकतंत्र के दोनों स्तंभ संविधान की भावना के मुताबिक काम नहीं कर रहे हैं।
मुम्बई:

नए अंदाज और नए तेवर में नजर आ रही टीम अन्ना ने केंद्र की संप्रग सरकार पर जोरदार हमला बोलते हुए संसद को तुरंत भंग किए जाने की मांग की और कहा कि लोकतंत्र के दोनों स्तंभ संविधान की भावना के मुताबिक काम नहीं कर रहे हैं।

भ्रष्टाचार के खिलाफ नए आंदोलन की शुरुआत का ऐलान करते हुए अन्ना हजारे और पूर्व थलसेना अध्यक्ष जनरल वीके सिंह ने संप्रग सरकार को ‘असंवैधानिक’ करार दिया और बहु-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की इजाजत देने जैसे उसके फैसलों की आलोचना की।

एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि अल्पमत में होने के बावजूद सरकार ने मल्टी-ब्रांड रिटेल में सीधे विदेशी निवेश की इजाजत देने जैसे विवादित फैसले लिए।

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सिंह ने कहा, ‘संविधान के मुताबिक, भारत एक कल्याणकारी राज्य है जिसमें एक निर्वाचित सरकार का परम कर्तव्य है कि वह लोगों के जीवन की रक्षा करे और उसमें सुधार लाए। बहरहाल, मौजूदा व्यवस्था ने संविधान में वर्णित नीति-निर्देशक तत्वों की पूरी तरह अनदेखी की है और बाजार की ताकतों के आगे घुटने टेक दिए हैं।’