
एफएचआरएआई का कहना है कि वह इस मुद्दे को उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के समक्ष उठाएगी
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सरकार ने कहा है कि होटल और रेस्तरां में सेवा शुल्क देना अनिवार्य नहीं
होटल और रेस्तराओं को स्पष्ट तौर पर सूचना दी जाएगी
फेडरेशन आफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशंस ऑफ इंडिया ने आपत्ति जताई
होटल व रेस्तरां परिचालकों का कहना है कि सेवा शुल्क के बारे में सरकार के स्पष्टीकरण से लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा होगी. उल्लेखनीय है कि सरकार ने आज एक बार फिर स्पष्ट किया है कि होटल और रेस्तरां में सेवा शुल्क देना अनिवार्य नहीं है. यदि ग्राहक सेवा से संतुष्ट नहीं है तो वह इसे हटवा सकता है. इसके साथ ही केन्द्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि वे सुनिश्चित करें कि होटल और रेस्तराओं में इस बारे में सूचना पट के जरिये स्पष्ट तौर पर सूचना दी गई हो.
फेडरेशन आफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशंस ऑफ इंडिया (एफएचआरएआई) का कहना है कि वह इस मुद्दे को उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के समक्ष उठाएगी.
एफएचआरएआई में चेयरमैन (विधि मामलों की उप समिति) प्रदीप शेट्टी ने कहा, "इससे भ्रम व विवाद होगा." नेशनल रेस्टोंरेट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एनआरएआई) के अध्यक्ष रियाज अमलानी ने कहा, "जब तक मेन्यू में सेवा शुल्क को मुख्य रूप से दर्ज किया गया है, इसे अनुचित और खराब व्यवहार नहीं कहा जा सकता."
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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